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बांदा : एक ऐसा शिव मंदिर जहां बिना नंदी के विराजमान हैं भोलेनाथ - वामदेवेश्वर मंदिर

बांदा शहर के मुंबई स्वर पर्वत पर स्थित वामदेवेश्वर मंदिर एक ऐसा शिव मंदिर है, जहां पर बिना नंदी के ही भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग विराजमान है. महर्षि बामदेव के तप से भगवान शिव प्रसन्न हुए थे, जिसके बाद शिवलिंग प्रकट हुआ था.

बिना नंदी के विराजमान हैं भगवान शिव

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Published : Mar 4, 2019, 11:48 PM IST

बांदा :महाशिवरात्रि के अवसर पर पूरे देश में भगवान भोले शंकर की पूजा-अर्चना के लिए शिवालयों में भीड़ उमड़ रही है. बुंदेलखंड के बांदा में भी महाशिवरात्रि पर शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं का हुजूम देखने को मिल रहा है. वहीं यहां एक ऐसा शिव मंदिर है जो अपने आप में अनोखा है, क्योंकि इस शिव मंदिर में भगवान भोलेनाथ बिना नंदी के विराजमान हैं.

बांदा शहर के मुंबई स्वर पर्वत पर स्थित वामदेवेश्वर मंदिर एक ऐसा शिव मंदिर है, जहां पर बिना नंदी के ही भगवान भोलेनाथ की शिवलिंग विराजमान है. यहां सुबह से ही शिव भक्तों की भीड़ उमड़ी है. श्रद्धालुओं के सुरक्षा के लिए पुलिस ने कड़े इंतजाम किए हैं. वहींमंदिर प्रशासन ने भीभीड़ को देखते हुएश्रद्धालुओं कोसुविधा देने केइंतजाम किए हैं.

बिना नंदी के विराजमान हैं भगवान शिव

महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर बुंदेलखंड के बांदा में वामदेव पर्वत पर स्थित बांध देवेश्वर मंदिर में भी भक्तों का हुजूम उमड़ा हुआ है. सुबह से ही भक्त भगवान भोले शंकर का दर्शन करने आ रहे हैं. बता दें कि बांदा स्थित वामदेवेश्वर शिव मंदिर प्राचीन काल से ही आस्था का केंद्र रहा है. रामायण काल में महर्षि बामदेव ने इसी पर्वत पर कठोर तपस्या कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था, जिससे पहाड़ के एक गुफा के अंदर शिवलिंग प्रकट हुआ था.

वैसे तो आमतौर पर हर सोमवार को यहां श्रद्धालुओं का तांता लगता है, लेकिन महाशिवरात्रि के मौके पर बांदा और दूरदराज से हजारों श्रद्धालु यहां आकर भगवान शिव की आराधना करते हैं. बिना नंदी के विराजमान भगवान भोलेनाथ के इस मंदिर का बहुत महत्व है. स्थानीय लोगों का कहना है कि हर जगह तो नंदी विराजमान हैं, लेकिन यहां पर नंदी विराजमान नहीं है. नंदी का अर्थ ना दिया है. इसलिए यहां भक्त जो चाहते हैं, वह जरूर मिलता है.

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