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बांदा: रोटी बैंक भरता है गरीबों का पेट, एक टाइम खिलाता है भरपेट खाना - एक टाइम खिलाता है भरपेट खाना

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में कुछ युवाओं ने रोटी बैंक खोलककर गरीबों की मदद करने का जिम्मा उठाया है. ये युवा रोज घर-घर जाकर रोटी लेकर जिले के गरीबों में बांटते हैं, जिससे उनको एक टाइम का भर पेट खाना मिल जाता है.

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रोटी बैंक खिला रही गरीबो को खाना.

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Published : Jan 25, 2020, 3:58 PM IST

बांदा: वैसे तो आपने कई प्रकार के बैंक देखे और सुने होंगे पर बुंदेलखंड के बांदा में गरीब, मजलूम और जरूरतमंदों का पेट भरने के लिए एक रोटी बैंक भी है, जहां पर खाना लोगों के घरों से मांग कर जमा किया जाता है और फिर इसके बाद जमा किए गए खाने को जरूरतमंदों में बांट दिया जाता है. बड़ी बात यह है कि रोटी बैंक में हिंदू और मुस्लिम साथ मिलकर लोगों का पेट भरने के लिए काम करते हैं. इससे रोजाना सैकड़ों लोग एक टाइम का भोजन पाते हैं. समाज सेवा करने की इस अनूठी पहल में सैकड़ों युवा हैं जो बिना किसी भेदभाव के निःस्वार्थ भाव से यह समाज सेवा कर रहे हैं.

गरीबों को पेट भर रहा रोटी बैंक.

रोटी बैंक भरता है लोगों का पेट
शहर के मर्दन नाका में पिछले 2 सालों से रोटी बैंक का संचालन कुछ युवाओं की ओर से किया जा रहा है. यहां पर इन्होंने रोटी बैंक बना रखा है, जहां रोज शाम को रोटी बैंक के सदस्य आसपास के इलाकों के घर-घर जाकर लोगों से भोजन मांगते हैं.

युवाओं ने खोला रोटी बैंक
दरअसल लोग इन युवाओं को घरों में शाम को बनने वाले ताजा भोजन देते हैं. इस भोजन को इकट्ठा करने के बाद ये लोग अपने रोटी बैंक कार्यालय लाते हैं, जहां पर प्रति व्यक्ति डाइट के हिसाब से यह लोग इसकी पैकिंग करते हैं और फिर इसके बाद जरूरतमंदों में इसको बांटने जाते हैं.

2 साल पहले हुई थी शुरूवात
रोटी बैंक का संचालन करने वाले लोगों ने बताया कि 2 साल पहले उन्होंने रोटी बैंक की शुरुआत की थी, जिसमें अब तक सैकड़ों लोग जुड़ चुके हैं. वे लोग रोजाना लोगों के घरों से शाम को खाना मांगते हैं और इसके बाद मंदिरों, मस्जिदों और रेलवे स्टेशन समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जरूरतमंदों को बांटते हैं.

गरीबों को मिलता हैभर पेट खाना
खाना पाने वाले लोगों ने बताया कि उन्हें रोजाना शाम को भरपेट ताजा भोजन मिलता है और यह भोजन उन्हें रोटी बैंक के लोगों की ओर से दिया जाता है. उन्हें रोज यह भरोसा रहता है कि उन्हें एक टाइम का भर पेट भोजन तो मिल ही जाएगा, जिससे उन्हें इधर-उधर भटकना या भूखे नहीं रहना पड़ता है.

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