बांदा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 जुलाई को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का जालौन से शुभारंभ किया था. इस एक्सप्रेसवे को रिकार्ड समय में गुणवत्तापूर्ण बनाने को लेकर सरकार और यूपीडा ने खूब वाहवाही लूटी. वहीं, विपक्ष ने उद्घाटन के समय भी सवाल उठाए थे कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे अभी पूरी तरह से नहीं बना. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के उद्घाटन से 5 दिन बाद हुई हल्की बारिश ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए, क्योंकि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में कई जगह सड़क धंस जाने की खबरें सामने आई हैं.
बांदा में भी पिछले 2 दिनों से हो रही बारिश ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता की पोल खोल कर रख दी है. यहां पर एक जगह बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की अप्रोच की प्लेटें मिट्टी के साथ ढह गईं. वहीं, एक्सप्रेसवे के नीचे से निकली सड़क पर मलबा जम जाने से लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा. फिलहाल, जैसे ही यूपीडा के संबंधित अधिकारियों को इसकी जानकारी हुई तो मौके पर मरम्मत करने वाली टीम को भेजा गया. मरम्मत का कार्य किया जा रहा है. लेकिन, जिस तरह से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे महज दो दिन की हल्की बारिश में कई जगह धंस गया. ऐसे में सवाल यही है कि अगर भारी बारिश आगे आने वाले समय में होती है तो बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का क्या हाल होगा. एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता को लेकर जिस तरह से बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे, आखिर वह दावे जिम्मेदार अधिकारी किस आधार पर कर रहे थे. सवाल यह भी है कि अगर बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ था तो आखिर इसके उद्घाटन की इतनी जल्दी क्या थी?