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Banda News: हत्या के मामले में सजा काट रहे कैदी की मौत, परिजनों ने जेल प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप

बांदा में हत्या के मामले में सजा काट रहे कैदी की अचानक मौत हो गई. घटना की जानकारी लगाते ही परिजनों में कोहराम मच गया. वहीं, मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है.

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Published : Feb 26, 2023, 9:21 PM IST

जानकारी देते हुए मृतक का बेटा संजय पटेल

बांदा:जिले में रविवार को एक हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे वृद्ध बीमार कैदी की अचानक हालत बिगड़ गई. जेल प्रशासन के लोग आनन-फानन में कैदी को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मृतक के बेटे ने जेल प्रशासन के लोगों पर लापरवाही का आरोप लगाया है. मृतक के बेटे के मुताबिक जेल प्रशासन ने उसके पिता की बीमारी को छिपाया और बीमारी के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी. जिसके चलते उनकी मौत हो गई.

17 जनवरी 2022 से बांदा जेल में था निरुद्ध
बिसंडा थाना क्षेत्र के मिलाथू गांव का रहने वाला एक रामस्वरूप नाम का वृद्ध कैदी बांदा जेल में हत्या के एक पुराने मामले में उम्र कैद की सजा काट रहा था, जो 17 जनवरी 2022 से जेल निरुद्ध था. जिसकी रविवार को अचानक तबियत खराब हो गई. जैसे ही जेल प्रशासन के लोगों को पता चला तो कैदी को आनन-फानन में जिला अस्पताल लाया गया. जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बताया जा रहा है कि यह कैदी लंबे समय से किसी बीमारी से ग्रसित था. इसके पहले भी उसकी एक बार तबीयत खराब हो गई थी. जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था. 15 दिनों तक उसका उपचार चला. ठीक हो जाने के बाद उसे जेल ने निरुद्ध किया गया था. इसी कड़ी में रविवार को एक बार फिर उसकी अचानक तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद उसे अस्पताल लाया गया था, जहां अस्पताल लाते समय रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया.

जेल प्रशासन ने छिपाई बीमारी जिसके चलते हुई मौत
मृतक के बेटे संजय पटेल ने बताया पिता हत्या के मामले में जेल में सजा काट रहे थे. वह बीमार चल रहे थे, जिनकी जेल प्रशासन ने बीमारी के संबंध में परिजनों को कोई जानकारी नहीं दी थी. बस यह बताया गया कि वह बीमार है. लेकिन यहां आने पर पिता मृत अवस्था में मिले. कहा कि हत्या के मामले में इन्हें फंसाया गया था. जिन्हें सेशन कोर्ट से बरी किया था. जिसके बाद हाईकोर्ट से इन्हें 17 जनवरी 2022 को सजा हुई थी. ये जेल में बंद थे. सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की थी. वहां से दस्तावेज मांगे गए थे. उम्मीद थी कि उन्हें वहां से न्याय मिल जाएगा.

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