उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बांदा पहुंचे 1220 प्रवासी मजदूर, ईटीवी भारत से साझा किया दर्द

गुजरात के सूरत से 1220 प्रवासी मजदूर श्रमिक स्पेशल ट्रेन से गुरुवार को बांदा पहुंचे. ट्रेन से के बाद बसों के माध्यम से सभी को उनके घरों के लिए रवाना किया गया. इस दौरान कई मजदूरों ने ईटीवी भारत से बात की और लॉकडाउन के कड़वे अनुभवों को साझा किया.

banda news
श्रमिक स्पेशल ट्रेन से लौटे मजदूर

By

Published : May 7, 2020, 5:11 PM IST

बांदाः गुजरात के सूरत से 1220 प्रवासी मजदूरों को लेकर चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन गुरुवार सुबह बांदा पहुंची. बांदा पहुंचने के बाद ट्रेन से उतरते ही मजदूरों की थर्मल स्कैनिंग कर इन्हें स्टेशन के बाहर निकाला गया. प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों को अलग-अलग क्षेत्रों में बने क्वारंटाइन सेंटरों में सरकारी बसों के माध्यम से भेज दिया. साथ ही जिले के बाहर के मजदूरों के लिए भी यहां बसें लगाई गई, जिनसे सभी को उनके जनपद भेजा गया.

मजदूरों के जांच के लिए खड़ी स्वास्थ्य विभाग की टीम.
बता दें कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन गुजरात के सूरत से चलकर गुरुवार को सुबह 6:45 पर बांदा पहुंची. 24 डिब्बों की इस श्रमिक स्पेशल ट्रेन से 1220 श्रमिक आये हैं. ट्रेन के रुकने के बाद इन मजदूरों को एक-एक कर ट्रेन के डिब्बों से निकाला गया. इसके बाद स्टेशन परिसर में बसों में बैठाने के लिए टोकन काउंटर से इन्हें टोकन देकर क्षेत्र के हिसाब से खड़ी बसों में बैठाया गया.
भारी दिक्कतों का सामना करते हुए पहुंचे बांदा
ईटीवी भारत से बात करते हुए कुछ मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के बाद उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. कुछ दिन पैसे रहे तो सब कुछ ठीक था, मगर पैसे खत्म होने के बाद वहां भूखे मरने की स्थिति उत्पन्न हो गई. आलम यह हुआ कि हमें अपने घरों से पैसे खर्च के लिए मंगवाने पड़े. प्नवासी मजदूर दिग्विजय ने बताया कि अब कभी दोबारा परदेस न जाएंगे. तो वहीं कुछ प्रवासी मजदूरों ने बताया कि बुंदेलखंड एक ऐसा क्षेत्र है जहां पर रोजी और रोजगार का कोई साधन नहीं है. मजबूरन इन्हें लॉकडाउन खुलने के बाद फिर से अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिए बाहर जाना ही पड़ेगा.

प्रवासी मजदूरों की थर्मल स्कैनिंग.
बसों से मजदूरों को उनके जनपद रवाना किया जाएगा
अपर जिलाधिकारी संतोष बहादुर सिंह ने बताया कि गुरुवार को इस ट्रेन से 1220 मजदूर आए हैं. इसमें बांदा के 975 मजदूर हैं, इसके अलावा अन्य मजदूर फतेहपुर, चित्रकूट और महोबा के हैं. बांदा के लिए तहसील स्तर पर बसें लगाई हैं जिनमे तहसील के हिसाब से मजदूरों को बैठाया जा रहा है. इसके अलावा गैर जनपदों के लिए लगाई गई बसों से उन जिलों के मजदूरों को बैठाया जा रहा है. हम लोग पूरी एहतियात बरत रहे हैं और लिस्ट के हिसाब से एक-एक कर सभी को भेजने का काम किया जा रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details