बांदाःब्रिटिश शासनकाल में सन 1860 में बनी बांदा मंडल जेल हमेशा से ही बड़े-बड़े खूंखार अपराधियों को लेकर सुरक्षित मानी जाती रही है. यहां पर ददुवा, ठोकिया, बलखड़िया जैसे खूंखार डकैतों के साथी डकैत लंबे समय तक रहे हैं. वहीं इस जेल का यूपी के बड़े रसूख वाले नेताओं से पुराना नाता रहा है. यहां पर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, अतीक अहमद, सुरेश राणा समेत खुद मुख्तार अंसारी लंबे समय तक रातें काट चुके हैं. एक बार फिर बांदा जेल में मुख्तार अंसारी को शिफ्ट किया गया है, लेकिन इस बार जेल की सुरक्षा पहले की अपेक्षा बहुत बेहतर कर दी गई है. इस बार मुख्तार अंसारी के आने से पहले यहां पर चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं. वहीं जेल के मुख्य गेट से लेकर तीसरे गेट तक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, जिससे कि जेल की सुरक्षा में किसी भी तरह की कोई चूक न हो सके.
बैरक नंबर 15 में ही कटती हैं यहां नेताओं की रातें
बांदा मंडल कारागार की बैरक नंबर 15 में ही प्रदेश के रसूखदार नेताओं की रातें कटती रही हैं. यहां पर चाहे रघुराज प्रताप सिंह रहे हों या अतीक अहमद, चाहे सुरेश राणा रहे हों या फिर खुद मुख्तार अंसारी, हमेशा से ही ऐसे लोगों को बैरक नम्बर 15 दी जाती है. जेल के सूत्र बताते हैं कि 15 नंबर बैरिक देने का मुख्य कारण यह है कि यह बैरक बंदियों की अन्य बैरकों से दूर और सुरक्षित है. यहां पर अन्य बंदियों का आना-जाना नहीं होता. हालांकि मुख्तार अंसारी को बुधवार को बैरक नंबर 16 में शिफ्ट किया गया है लेकिन मिली जानकारी के अनुसार 6 दिन बाद मुख्तार अंसारी को भी बैरक नंबर 15 में शिफ्ट कर दिया जाएगा. बैरक नंबर 15 को तन्हाई बैरक कहा जाता है. इस बैरक की दीवारों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिसकी मॉनिटरिंग सीधे लखनऊ में होगी.