बांदा: जनपद में नदियों ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. आलम यह है कि नदियों में आई बाढ़ से अब तक सैकड़ों गांवों में पानी भर चुका है और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं. वही बाढ़ को लेकर लोगों ने भी प्रशासन पर गंभीर न होने का आरोप लगाया है और कहा है कि अब तक प्रशासन ने उनकी सुध नहीं ली है.
बांदा: केन और यमुना खतरे के निशान के ऊपर, हजारों लोग बेघर
उत्तर प्रदेश के बांदा में यमुना और केन नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं, जिससे सैकड़ों गांवों में हजारों लोग बेघर हो गए हैं. लोग अपना घर छोड़कर ऊंचाई वाले इलाकों में रहने को मजबूर हैं.
नदियों ने लिया रौद्र रूप.
नदियों ने लिया रौद्र रूप
- केन नदी और यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
- इसके चलते पैलानी, जसपुरा, चिल्ला, मरका और बेंदा इलाके के सैकड़ों गांव में पानी बाहर गया है.
- हजारों लोग अपना घर छोड़कर ऊंचाई वाले इलाकों में रहने को मजबूर हैं.
- कई जगह तो पेड़ों पर लोग खाने पीने का सामान रखते हुए दिखाई दिए हैं.
- वहीं कई लोग ऊंचाई पर टापू में टेंट लगाकर रहने को मजबूर हैं.
- वहीं लोगों ने जिला प्रशासन पर भी उनकी सुध न लेने का आरोप लगाया है.
- उनका कहना है कि पिछले एक हफ्ते से बाढ़ के चलते लोग परेशान हैं और प्रशासन ने अब तक उनकी सुध नहीं ली है.
नदियों में बाढ़ आने से कई गांव प्रभावित हुए हैं, जिसको लेकर प्रशासन इंतजाम कर रहा है और अधिकारियों को निर्देशित किया गया है.
-हीरालाल, डीएम