बांदाः केंद्र सरकार ने पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए इस साल से किसान क्रेडिट कार्ड की नई योजना शुरू की है, लेकिन यह योजना बैंकों की मनमानी और लापरवाही के चलते धरातल पर नहीं उतर पा रही है. कारण यह है कि पशुपालकों व किसानों ने किसान क्रेडिट कार्ड की इस नई योजना के लिए पशुपालन विभाग के माध्यम से बैंकों में आवेदन किया था. वहीं बैंकों ने यह आवेदन वापस कर दिए. आलम यह है कि जिले में 1662 लोगों ने इसके लिए आवेदन किया था, मगर 6 महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक एक भी पशुपालक और किसान को किसान क्रेडिट कार्ड की इस नई योजना का लाभ नहीं मिल सका है. वहीं पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने भी बैंकों के उच्चाधिकारियों से इस मामले की शिकायत की है.
यह है किसान क्रेडिट कार्ड की नई योजना
बता दें कि पूर्व में केंद्र सरकार द्वारा खेतिहर किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना चलाई गई थी जो अभी भी चल रही है. जिसके माध्यम से किसान अपने खेतों के आधार पर बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड बनवाकर अपनी खेती किसानी के लिए पैसे लेते हैं और 7% साधारण ब्याज दर के हिसाब से बैंकों को पैसे चुकाते हैं. मगर इस साल से केंद्र ने पशुपालकों, भूमिहीन किसानों लघु सीमांत किसानों के लिए यह योजना चलाई है. जिसमें बैंक पशुओं की कीमत का आकलन करेंगी और फिर उसके हिसाब से पशुपालन विभाग के माध्यम से बैकें 4% ब्याज दर के हिसाब से किसान क्रेडिट कार्ड बनाएंगी.
जिससे कि पशुपालक या छोटे किसान दुग्ध उत्पादन के लिए डेयरी या मुर्गी पालन, बकरी पालन या मछली पालन कर अपनी आय को बढ़ा सके. इसके लिए जिले के 1662 लोगों ने आवेदन किया था, लेकिन इन सभी लोगों की फाइलें बैंकों में या तो धूल फांक रही है या फिर यह फाइलें बैंकों ने पशुपालन विभाग को वापस भेज दी है. 6 महीने बीत जाने के बाद भी अब तक जिले में एक भी व्यक्ति को इस योजना का लाभ नहीं मिल सका है. जिससे पशुपालक और किसानों के अरमानों पर बैंकों ने पानी फेर दिया है.