बुंदेलखंड के बांदा में आज भी ऐसे गांव के मजरे हैं जो बिजली से मरहूम हैं. आज तक इन मजरों के लोगों ने बिजली की रोशनी नहीं देखी. बिजली न होने के चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जहां एक ओर रात में बच्चों की पढ़ाई लिखाई नहीं हो पाती तो वही रोजमर्रा की समस्याओं से भी लोग परेशान रहते हैं.
आजादी के इतने सालों बाद भी बुंदेलखंड के गांवों में पसरा है अंधेरा - यूपी न्यूज
बुंदेलखंड के बांदा में ऐसे गांव के मजरे हैं जहां आज भी अंधेरा है. आजादी के इतने साल बाद भी यहां लोगों के घरों में बिजली नहीं पहुंची है.
बुंदेलखंड के बांदा जिले में लगभग 85 मजरे ऐसे हैं, जहां पर आज तक बिजली नहीं पहुंच सकी है. इसके चलते लोगों को भारी परेशानी होती हैं. कुछ मजरे तो शहर से चंद किलोमीटर की दूरी पर हैं, जहां के लोग बिजली की राह ताक रहे हैं कि कब तक उन्हें बिजली की रोशनी देखने को मिलेगी. इन मजरों के ग्रामीण कहते हैं कि बिजली न होने के चलते इनके गांव के बच्चे पढ़ नहीं पाते, खेती की सिंचाई हो नहीं पाती इसके अलावा और भी बिजली न होने के चलते समस्याएं हैं
वहीं इस संबंध में जब बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिले में 85 मजरे ऐसे हैं जो 10 घरों की आबादी से कम है. जिन्हें अब कनेक्शन दिया जाना है. ऐसे 460 लोग हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के अंतर्गत कनेक्शन दिए जाने हैं. बिजली विभाग फ्री में ऐसे लोगों को कनेक्शन देगा साथ ही साथ ऐसे मजरे जहां पर बिजली नहीं पहुंचाई जा सकती वहां पर सोलर कनेक्शन के जरिए रोशनी पहुंचाने का काम किया जाएगा.