बांदाः लॉकडाउन के कारण बुंदेलखंड में घुमंतू जाति के लोगों के सामने रोजी रोटी का बड़ा संकट पैदा हो गया है. मेहनत कर रोज खाने कमाने वाले ऐसे लोगों के सामने कोई जरिया न होने के चलते ये लोग भुखमरी की कगार पर हैं. ऐसे ही लोगों से जब ईटीवी भारत की टीम मिली तो प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से इनके खाने की व्यवस्था कराई गई.
बांदाः लॉकडाउन में घुमंतू जाति के लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में घुमंतू जाति के लोगों के सामने लॉकडाउन में रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ईटीवी भारत की टीम ने जब इनकी समस्या प्रशासनिक को बताई तो अधिकारियों ने इनके लिए खाने की व्यवस्था की.
लॉकडाउन से निराशा
ईटीवी भारत की टीम जब जिले के अतर्रा कस्बे के मूसानगर मोहल्ले के बाहर राजा तालाब के पास पहुंची तो घुमंतू जाति के लोग मिले. पॉलीथिन और कांसे से झोपड़ी बनाकर रहने वाले इन लोगों ने बताया कि, इनके पास इनका दुख दर्द जानने आज तक कोई नहीं आया. इसके बाद ईटीवी भारत ने पूरे मामले की जानकारी प्रशासन को दी, जिस पर प्रशासनिक कर्मचारी मौके पर पहुंचे और इन लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था कराई गई.
पेट भरने का संकट
घुमंतू जाति के लोगों ने बताया कि यह लोग मेहनत कर अपने हाथों से पत्थर तोड़कर चीजें बनाते हैं और कांसे की चीजें बनाकर लोगों के घरों में जाकर बेचते हैं. लॉकडाउन के कारण अब कहीं पर भी आना जाना नहीं हो पा रहा है. इसके चलते इनके सामने पेट भरने का संकट खड़ा हो गया है. इनके पास इनकी समस्या जानने कोई नहीं आता और कहीं पर राशन खाना बंटने की सूचना मिलने पर यह लोग वहां चले जाते थे.
कराई जा रही खाने की व्यवस्था
इस मामले को लेकर तहसीलदार सुशील कुमार सिंह ने बताया कि घुमंतू जाति के लोगों के बारे में ईटीवी भारत के माध्यम से जानकारी हुई है. घुमंतू जाति के लोगों के लिए खाने पीने की व्यवस्था करवाई जा रही है और आगे भी इनके पेट भरने का पूरा इंतजाम करवाया जाएगा.