बांदा: कानपुर संवासिनी गृह मामले से लोगों में आक्रोश, डीएम को सौंपा राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन
बांदा जिले में अखिल भारतीय नौजवान सभा एवं ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के बैनर तले लोगों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन दिया. इस दौरान लोगों ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. कहा कि यह घटना सरकार के माथे पर कलंक की तरह है.
बांदा:कानपुर राजकीय बालिका गृह की घटना को लेकर अखिल भारतीय नौजवान सभा एवं ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के बैनर तले लोगों ने जिलाधिकारी कार्यालय में प्रदर्शन किया. इस दौरान लोगों ने जिलाधिकारी को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने राज्यपाल से मांग की है कि इस पूरे मामले में उच्च स्तरीय जांच कराई जाए.
जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
जिले में अखिल भारतीय नौजवान सभा एवं ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के बैनर तले कार्यकर्ता जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे. जहां पर उन्होंने कानपुर बालिका गृह की घटना की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने की मांग को लेकर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा. लोगों ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. लोगों ने कहा कि कानपुर के संवासिनी गृह की घटना सरकार के माथे पर कलंक की तरह है.
उच्च स्तरीय जांच की मांग
अखिल भारतीय नौजवान सभा एवं ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन के सह संयोजक प्रमोद आजाद ने बताया कि हम कानपुर की घटना को लेकर महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को देने आए हैं. क्योंकि जिस तरह से वहां पर किशोरियां कोरोना पॉजिटिव और गर्भवती पाई गई हैं, ऐसे में कानपुर प्रशासन का यह कहना कि शेल्टर होम आने से पहले ही वे इस हालत में थी यह गलत है. इस पूरे मामले में हमारी मांग है कि उच्च स्तरीय जांच कराई जाए.
वहीं उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूरी तरह से कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और हर जगह भ्रष्टाचार फैला हुआ है. पूरे प्रदेश में जंगलराज चल रहा है. हम सरकार से यह पूछना चाहते हैं कि सरकार के आने से पहले आपने तमाम वादे किए थे कि प्रदेश में रामराज्य आएगा, मगर ऐसा कुछ भी होता दिखाई नहीं दे रहा है. पूरे प्रदेश में रोजाना बड़ी-बड़ी घटनाएं हो रही हैं और हमें लगता है कि जो पिछले कई दशक से प्रदेश में नहीं हुआ वह इस सरकार में हो रहा है. इसलिए हमारी महामहिम राज्यपाल से मांग है कि इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराई जाए क्योंकि कानपुर का यह मामला सरकार के माथे पर कलंक जैसा है.