बांदा: देश में कोयले की आपूर्ति (Coal Supply) समुचित मात्रा में न होने के चलते बिजली कटौती हर जगह देखने को मिल रही है. हर साल त्योहारों में सुचारू रूप से बिजली की व्यवस्था को चलाने की बात कही जाती है. खासकर, नवरात्र, दशहरा और दीपावली के त्योहारी सीजन में निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति की बात कही जाती है, लेकिन इस साल मुख्य त्योहार की शुरुआत यानी नवरात्र के समय बिजली के लिए हर जगह हाहाकार मचा हुआ है. शहर, कस्बे और ग्रामीण क्षेत्रों में अघोषित बिजली कटौती से आम लोग ही नहीं, बल्कि बड़े-बड़े अधिकारी भी परेशान है. ऐसा इसलिए क्योंकि बांदा जिले के जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने अपने कार्यालय से एक पत्र जारी किया है जो चर्चा का विषय बना हुआ है.
जिलाधिकारी के पत्र में बिजली कटौती को लेकर लिखा गया है कि नवरात्र में इतनी ज्यादा कटौती के चलते कभी भी लोग आक्रोशित हो सकते हैं और घटनाएं-दुर्घटनाएं होने के साथ ही कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है. इसको लेकर दक्षिण विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को जारी पत्र में जिलाधिकारी ने बांदा जिले को जितना संभव हो अनिवार्य कटौती से मुक्त किए जाने की मांग की है. इस संबंध में ईटीवी भारत ने जिलाधिकारी से पत्र को लेकर बात की तो उन्होंने कहा कि पत्र को गंभीर बनाने के लिए हमने यह बात लिखी है.
बता दें कि पिछले कई दिनों से शहर, कस्बे और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की जबरदस्त कटौती देखने को मिल रही है, जिसके चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में कुछ इलाकों में तो लोगों ने बिजली के अघोषित कटौती को लेकर धरना-प्रदर्शन भी किया है. इस समय नवरात्र का पर्व भी चल रहा है. इस खास मौके पर जगह-जगह देवी पंडाल और देवी मंदिरों में शाम से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लग रही है, लेकिन बिजली कटौती त्योहार का रंग फीका कर रही है. ऐसी स्थिति में कहीं कोई समस्या न उत्पन्न हो, किसी भी तरह कि कहीं घटना-दुर्घटना न हो इसको लेकर जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने बिजली विभाग के एमडी को अपने कार्यालय से एक पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने बिजली की व्यवस्था को सुचारू करने की मांग की है.