बांदा: वडोदरा (गुजरात) से 1,908 श्रमिकों को लेकर बांदा के लिये चली ट्रेन से 338 मजदूरों के लापता होने का मामला सामने आया है. यहां पर प्रदेश के 13 जिलों के 1,908 आने वाले मजदूरों में सिर्फ 1,570 मजदूर ही बांदा पहुंचे हैं. इस श्रमिक ट्रेन से 338 मजदूर रास्ते से कहीं लापता हो गए. मामला संज्ञान में आने के बाद जिला प्रशासन और रेलवे प्रशासन के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है.
वडोदरा से बांदा पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन. गुजरात प्रशासन से सम्पर्क कर रहे प्रशासनिक अधिकारी
दरअसल, बुधवार को सुबह श्रमिक स्पेशल ट्रेन गुजरात के वडोदरा शहर से बांदा पहुंची. बांदा जिला प्रशासन को वडोदरा प्रशासन की तरफ से जो लिस्ट मजदूरों की भेजी गयी थी, उस हिसाब से इस ट्रेन से 13 जिलों के 1,908 मजदूरों को बांदा रेलवे स्टेशन में उतरना था. मगर यहां पर 1,570 मजदूर ही उतरे. प्रशासनिक अधिकारियों ने जब मजदूरों का मिलान किया, तब इस बारे में जानकारी हुई. अब जिला प्रशासन और रेलवे प्रशासन के अधिकारी गुजरात प्रशासन से सम्पर्क कर रहे हैं.
अधिकारी सकते में हैं कि अगर इस ट्रेन में 1,908 मजदूर बैठाए गए थे तो फिर 338 मजदूर कहां लापता हो गए. या फिर मजदूरों की भेजी गयी लिस्ट में ही गलती है. अगर 338 मजदूर वाकई रास्ते से लापता हो गए तो यह बहुत बड़ी गले की फांस बन सकती है क्योंकि बिना जांच के रास्ते से लापता मजदूरों से कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है.
लिस्ट के मुताबिक हम पता लगा रहे हैं कि आखिर ये मजदूर कहां गए क्योंकि यह ट्रेन नॉन स्टॉप यहां आई है. इसलिए रास्ते में उतरने की कोई गुंजाइश नहीं है.
संतोष बहादुर सिंह, अपर जिलाधिकारी