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महिला सशक्तिकरण की है अद्भुत मिसाल, इस ग्राम में महिलाओं का है बोलबाला - Siktihava can become a role model

बलरामपुर के तुलसीपुर विकास खंड के ग्राम सिक्टिहवा में ग्राम प्रधान, शिक्षक, लेखपाल, ग्राम पंचायत सदस्य सभी पदों पर महिलाएं ही पदस्थ हैं. यहां की महिलाएं अपने पतियों के काम में बढ़-चढ़कर सहयोग करती हैं. मनरेगा कार्य में भी महिलाओं की अच्छी उपस्थिति है.

Barkha Garg Headmaster.
बरखा गर्ग, प्रधानाध्यापक.

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Published : Dec 25, 2020, 9:00 PM IST

बलरामपुरःमहिलाओं के साथ घरेलू हिंसा, दकियानूसी परंपराओं को निभाने, घूंघट में रहने जैसी बातें आये दिन सामने आती रहती है. ऐसे दौर में बलरामपुर का सिक्टिहवा ग्राम महिला सशक्तिकरण की अनूठी मिसाल पेश कर रहा है. यहां सरकारी पदों के साथ ही अन्य क्षेत्र में भी महिलाओं का बोलबाला है.

महिला सशक्तिकरण का अद्भुत उदाहरण
जनपद में तुलसीपुर विकास खंड के ग्राम सिक्टिहवा में ग्राम प्रधान, शिक्षक, लेखपाल, ग्राम पंचायत सदस्य सभी पदों पर महिलाएं ही पदस्थ हैं. यहां की महिलाएं अपने पतियों के काम में बढ़-चढ़कर सहयोग करती हैं. मनरेगा कार्य में भी महिलाओं की अच्छी उपस्थिति है.

मनरेगा में महिलाओं की 35 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी
इस ग्राम की महिला प्रधान अनीता देवी पंचायत के विकास कार्य में बढ़-चढ़कर भागीदारी कर रही हैं. सिक्टिहवा में बने सरकारी कंपोजिट विद्यालय की प्रधानाचार्य बरखा गर्ग हैं. वह प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय संभालती हैं. विद्यालय में दो अन्य महिला अध्यापक भी हैं.

इन क्षेत्रों में भी निभा रहीं सक्रिय भागीदारी
इस ग्राम के दूसरे मजरे ओड़ाझार खुर्द प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य रीता शर्मा हैं. गांव की दो बेटियां यहां शिक्षामित्र हैं. इस ग्राम की लेखपाल भी महिला है. लेखपाल भावना गुप्ता महिलाओं के बीच सामंजस्य बनाकर गांव की तमाम समस्याओं को आसानी से सुलझा देती हैं. ग्राम की आंगनबाड़ी अनीता देवी, माया देवी हैं. स्वास्थ्य कर्मी के रूप में आशा शीला देवी, मंजू देवी, सावित्री देवी सेवाएं दे रही हैं. ग्राम पंचायत सदस्य के रूप में पांच महिलाएं कृष्णावती, नूरजहां, अकीकुन, नगमा, माफिया हैं. ग्राम पंचायत अधिकारी अमरनाथ राय ने बताया कि मनरेगा कार्य में यहां महिलाओं की हिस्सेदारी 35 प्रतिशत से अधिक है।

चाय की दुकान में भी है भागीदारी
ग्राम में कुन्नु और नानमून की दो चाय की दुकानें है। दुकान में पति के साथ-साथ उनकी पत्नियां बखूबी कंधे से कंधा मिलाते हुए सहयोग कर रही हैं.


रोल मॉडल बन सकता है यह गांव
महिला सशक्तिकरण की विभिन्न योजनाओं को ध्यान मे रखते हुए इस ग्राम पर फोकस किया जाय तो यह गांव महिला सशक्तीकरण का रोल मॉडल बन सकता है.

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