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लॉक डाउन में बेजुबान जानवरों की चिंता - क डाउन और कोरोना महामारी के कारण भूखे बेजुबान जानवर

लॉक डाउन के इस दौर में जिले में श्री महादेव झारखंडी साईं दरबार से जुड़े कुछ लोग रोज बंदरों की टोलियों को खोजकर भोजन करवाते हैं तो रवींद्र गुप्ता सड़क किनारे रहने वाली बेजुबान गायों और गौवंशों के लिए चारा मोटरसाइकिल पर लादकर ले जाते हैं और उन्हें खिलाते हैं.

लॉक डाउन में बेजुबान जानवरों की चिंता
लॉक डाउन में बेजुबान जानवरों की चिंता

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Published : Apr 28, 2020, 10:35 PM IST

बलरामपुर : जिले में श्री महादेव झारखंडी साईं दरबार से जुड़े कुछ लोग रोज बंदरों की टोलियों को खोजकर भोजन करवाते हैं तो एक व्यक्ति सड़क किनारे रहने वाली बेजुबान गायों और गौवंशों के लिए चारा मोटरसाइकिल पर लादकर ले जाता है और उन्हें खिलाता है. श्री महादेव झारखंडी साईं दरबार नाम के समाजसेवी संगठन के वॉलेंटियर रोज कई किलो केले ले जाकर बंदरों को खिलाते हैं.

ये लोग बेजुबानों को खिलाते हैं खाना
बेजुबान गायों और गौवंशों को चारा दिया


इस दौरान हमें जानकारी देते हुए श्री महादेव झारखंडी साईं दरबार के सहयोगी व वॉलेंटियर डीपी सिंह ने बताया कि हम लोग लगातार पिछले एक महीने से जरूरतमंद लोगों को पका भोजन व खाद्य सामग्री किट उपलब्ध करवा रहे हैं. एक दिन ध्यान आया कि इंसान तो लोगों से मांग भी सकता है लेकिन बेजुबान जानवरों का क्या? वह बताते हैं कि हम लोग तब से प्रयास कर रहे हैं कि लॉक डाउन और कोरोना महामारी के कारण कोई भी प्रभावित ना हो, वह चाहे इंसान हो या जानवर हम सभी के लिए कोशिश कर रहे हैं कि भोजन की व्यवस्था की जाए.

लॉक डाउन में बेजुबान जानवरों की चिंता
बेजुबान गायों और गौवंशों को चारा दिया


रविन्द्र गुप्ता भी सब्जी और चारा खरीदकर सड़क किनारे रहने वाले गौवंशों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं. वह बताते हैं कि हम लोग लॉक डाउन के दिन से ही इस तरह का काम जानवरों के लिए कर रहे हैं. रविन्द्र गुप्ता कहते हैं कि इसके साथ ही हम लोग चोटिल हुए जानवरों के इलाज व देखरेख का काम भी करते हैं. हमें अगर किसी भी जानवर के चोटिल या घायल होने की सूचना मिलती है तो वहां तत्काल पहुंच कर उनका समुचित इलाज व देखभाल करते हैं.

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