बलरामपुर: नेपाल सीमा से सटे बलरामपुर जिले के सुहेलदेव वन्य जीव अभ्यारण व भांभर रेंज में 450 वर्ग किलोमीटर में फैले जंगलों और उसके आसपास के क्षेत्रों में लगभग 100 गांव बसते हैं. इन गांवों में रहने वाले लोगों की संख्या लगभग तीन से चार लाख के आसपास है. इन ग्रामीणों का कहना है कि गांव में सबसे बड़ी समस्या जंगली जानवरों के हमलों से होती है. आजादी के बाद से अब तक हमले में होने वाले नुकसान की भरपाई अभी तक यहां के लोगों को नहीं हो पाई है.
जंगली जानवरों के हमले से ग्रामीणों में दहशत, रातभर जागकर देते हैं पहरा - Make up for the loss
उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के सुहेलदेव वन्य जीव अभ्यारण्य और भांभर रेंज में बसने वाले लाखों ग्रामीण जानवरों के हमले से लगातार परेशान हो रहे हैं. अब तक बच्चों और कई मवेशियों को जंगली जानवर अपना निशाना भी बना चुके हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले एक साल में जंगली जानवरों ने दर्जनों बार हमले किए हैं. इन हमलों में न केवल कई लोग घायल हुए बल्कि बच्चों और कई मवेशियों की जान भी जा चुकी है. अपनी समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने वन विभाग से शिकायत की है लेकिन वन विभाग के अधिकारी गांव वालों से ना तो मिलने आते हैं और ना ही समस्यों को देखने.
वन विभाग द्वारा किए जा रहे सुरक्षा उपायों को लेकर सुहेलवा वन्य जीव प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी और जिले के डीएफओ रजनीकांत मित्तल कहते हैं कि जंगल के इलाकों से सटे गांवों में रहने वाले लोगों को जागरूक करने के लिए 'सेफ्टी एक्सप्रेस' नाम की एक गाड़ी लगातार चलाई जा रही है. जो गांव-गांव जाकर लोगों को सुरक्षा के उपाय बताती है. और लोगों में जागरूकता फैलाने का काम किया जा रहा है.