बलरामपुर : लोकसभा चुनावों का आगाज हो चुका है. प्रशासन लोगों से वोट देने की अपीले भी कर रहा है, लेकिन जिले के हरैया सतघरवा ब्लॉक के गनवरिया गांव के लोग वोट न देने की कसमें खा रहे हैं. ग्रामीण सरकार को उसके वादे याद दिलाकर नारे लगा रहे हैं. लोगों का कहना है कि बिजली नहीं तो वोट नहीं, विकास नहीं तो वोट नहीं, पीने का पानी नहीं तो वोट नहीं.
ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का फैसला मामला बलरामपुर के गनवरिया गांव का है, जहां गांव के लोग सरकार पर वादे न पूरे करने का आरोप लगा रहे हैं. गांव की एक महिला ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि गांव में न तो पानी की व्यवस्था है, न सिंचाई की, न बिजली और न ही सड़कों की व्यवस्था है. गांव में जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में गांव वालों ने इस चुनाव में मतदान न करने की बात कर रहे हैं.
गांव के नौजवानों और बुजुर्गों का कहना है कि पूरे देश में सौभाग्य योजना के तहत बिजली पहुंचाने के दावे किेए जा रहे हैं. इतनी बड़ी योजना के संचालन के बाद भी हमारे गांव में अब तक बिजली नहीं पहुंच सकी है. गांव के तकरीबन 3000 लोग आजादी के इतने साल बाद भी अब तक अंधेरे के साए में रात बिताने को मजबूर हैं. लोगों का कहना है कि विकास से जुड़ी किसी योजना का लाभ उन्हें नहीं मिलता है.
इस मामले पर जिलाधिकारी कृष्णा कर्ण का कहना है कि सौभाग्य योजना के तहत जिले के सभी ग्राम सभाओं का विद्युतिकरण करके घर-घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. इतनी बड़ी योजना होने के कारण पूरे प्रदेश में खंभे और तारों का शॉर्टेज चल रहा है. हमने लगभग सभी मजरों तक बिजली पहुंचा दी है. आने वाले 10 से 15 दिनों में जो मजरे छूटे हैं, वहां पर भी बिजली पहुंच जाएगी. साथ ही उन्होंने गांव वालों से मतदान करने की अपील भी की है.