बलरामपुरः जिले के हरैया सतघरवा ब्लॉक में पड़ने वाला बरहवा गांव आज भी पिछड़ेपन का शिकार है. जहां ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं मयस्सर नहीं हो सकी हैं. इस ग्रामसभा में 12 मजरे हैं, जिनमें से किसी भी मजरे में अभी तक मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल सकी हैं. नेपाल और जंगल के बीच बसे इस गांव के वाशिंदे सड़क, बिजली, पानी, पाठशाला और अन्य जरूरी सुविधाओं के लिए आज भी तरस रहे हैं.
मूलभूत सुविधाओं का अभाव
ग्रामीण आरोप लगाते हुए कहते हैं कि यहां पर न तो सड़क है, न ही बिजली, न ही पानी की सुविधा है. पूरे गांव में केवल 2 सरकारी नल लगे हैं. वह भी पिछले 2 वर्षों से रिबोर तक नहीं हो सके हैं. इस कारण वे गंदा पानी पीने को मजबूर है. ग्रामीणों का कहना है कि इन सब विकास कार्यों के लिए जो पैसा आता है, वह ग्राम प्रधान प्रतिनिधि लवकुश और सेक्रेटरी मिलकर खा जाते हैं.
बाकायदा कागजात दिखाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि पिछले 3 वर्षों से गांव के दोनों छोर पर बने पुलों की रिपेयरिंग के लिए पैसा आ रहा है, लेकिन वह पुल अभी भी नहीं बन सका. इस गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी काफी धांधली की जाती है. ग्राम प्रधान पैसे लेकर आवास मुहैया करवाता है और बाद में जब लाभार्थी के खाते में पैसे आ जाते हैं, तो खुद ही उस पैसे से आवास बनवाने लगता है.