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मिठास घोलने के साथ रोशनी भी फैलाएगी तुलसीपुर चीनी मिल - उत्तर प्रदेश समाचार

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में स्थित तुलसीपुर शुगर मिल में गन्ना पेराई का सत्र शुरू होने के साथ बिजली का उत्पादन भी शुरू हो गया है. इस वर्ष से 2 मेगा वाट प्रति घंटे बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है. 16 दिसंबर को चीनी मिल बिजली उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को सप्लाई करना शुरू कर देगी.

तुलसीपुर शुगर मिल बलरामपुर.
तुलसीपुर शुगर मिल बलरामपुर.

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Published : Nov 23, 2020, 3:17 AM IST

बलरामपुरः देश के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार बलरामपुर जिले में विकास की नित नई परिभाषाएं लिखी जा रही हैं. आम जनता को लाभ दिलवाने के लिए सरकारी व निजी संस्थानों द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है. इसी कड़ी में बलरामपुर चीनी मिल लिमिटेड की इकाई तुलसीपुर शुगर मिल लिमिटेड ने गन्ना किसानों और यहां के लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष से 2 मेगा वाट प्रति घंटे बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसकी शुरुआत रविवार से हो गई है. आगामी 16 दिसंबर को यह बिजली उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के जरिए जिलेवासियों को मिलने लगेगी.

बलरामपुर की चीनी मिल में गन्ने की पेराई के साथ बिजली उत्पादन शुरू.

इस बार बढ़ेगा लक्ष्य
तुलसीपुर शुगर मिल्स लिमिटेड में पेराई सत्र की शुरुआत करने के बाद महाप्रबंधक योगेश कुमार सिंह ने बताया कि तुलसीपुर शुगर मिल्स लिमिटेड से तकरीबन 46,500 गन्ना किसान जुड़े हुए हैं. जिनसे पिछले वर्ष हमने 88 लाख कुंतल गन्ने की खरीद की थी. इस बार इस लक्ष्य में थोड़ी बढ़ोतरी की जाएगी.

शुरू होगी पावर जेनरेशन यूनिट
योगेश कुमार सिंह ने बताया कि इस बार गन्ना पराई के जरिए चीनी उत्पादन के साथ-साथ डिस्टलरी यूनिट और बिजली यूनिट भी काम करना शुरू कर देगी. 16 दिसंबर से उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड यानी यूपीपीसीएल को 2 मेगावाट बिजली प्रति घंटे सप्लाई करने लगेंगे. इसका फायदा यहां के लोगों को नेशनल पावरग्रिड के जरिए मिलेगा.

तीन मिलों में होता है बिजली उत्पादन
बताते चलें कि बलरामपुर जिले में तीन चीनी मिल हैं, जिनमें दो यूनिट बलरामपुर शुगर मिल लिमिटेड की है. जबकि एक बजाज हिंदुस्तान शुगर मिल्स लिमिटेड की है. इन तीनों चीनी मिलों में बिजली का उत्पादन किया जाता है, जिसे उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा खरीद कर आसपास के जिलों में पावर ग्रिड के जरिए वितरित किया जाता है. बलरामपुर में अगर सभी चीनी मिलों की यूनिट को मिला लिया जाए तो तकरीबन 10 मेगावाट बिजली का उत्पादन प्रति घंटे किया जाता है. जो पेराई सत्र के बाद भी जारी रहता है.

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