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बलरामपुर: सड़कों पर कब तक मिलेगी गौवंशों से मुक्ति ?

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Published : Jan 21, 2020, 8:57 PM IST

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में सरकार का दावा है कि गौवंशों को बाकायदा टैग लगाकर गौशालाओं में रखा जा रहा है. लेकिन किसान और राहगीर आवारा गौवंशों से अभी भी काफी परेशान है. आवारा गौवंश अभी भी सड़कों पर झुंड में बैठे रहते हैं.

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आवारा गौवंशों से परेशान राहगीर और किसान.

बलरामपुर:जिले में सड़कों से खेतों तक गौवंशों का राज चलता है. सड़क पर कब्जा करके बैठे गौवंशों के कारण लोगों का राह चलना दूभर हो रहा है. वहीं किसानों का हाल भी इनके कारण बेहाल है.

लोग शासन और सरकारी मुलाजिमों के दावों से बिलकुल संतुष्ट नजर नहीं है. सड़कों पर चलने वाले राहगीर कहते हैं कि सड़कों से लेकर खेतों तक इन गौवंशों के कारण अब आम आदमी की जिंदगी बेहाल है.

आवारा गौवंशों से परेशान राहगीर और किसान.

क्या कहते हैं आंकड़े
अगर सरकारी आंकड़ों की देखें तो जिले में 827 लाख की लागत से 47 पशु आश्रय स्थलों का निर्माण करवाया गया है. इसके साथ ही जिले के सभी 101 न्याय पंचायतों में पशु आश्रय स्थलों का निर्माण करवाने की योजना है. वहीं नगर निकायों के लिए 4 वृहद गौशालाओं का निर्माण अभी भी जारी है. तुलसीपुर के परसपुर करौंदा में एक 300 गौवंशों की क्षमता वाला कान्हा गोशाला/ पशु संवर्धन केंद्र का निर्माण तकरीबन 1.20 करोड़ की लागत में करवाया जा चुका है.

सभी पशु आश्रय स्थलों और गोशालाओं में तकरीबन 1810 गोवंश संरक्षित करके रखें जा रहे हैं. इस वित्त वर्ष में 72 लाख 49 हजार 60 रुपये अब तक खर्च किया जा चुका है. इसके बाद भी सड़कों पर तकरीबन 2000 गोवंश है.

रात में गाड़ी चलाने में होती है दिक्कत
सड़क पर रोजाना सफर करने वाला राहगीर कहते हैं कि सड़कों पर गोवंशों के कारण न केवल चलना मुश्किल है बल्कि आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं. कई बार तो पूरी सड़क को घेरकर गौवंशों का झुंड बैठा रहता है और दिखाई तक नहीं देता. खासकर रात में गाड़ी चलाने में काफी दिक्कत होती है.

फसल को बचा पाना है बहुत मुश्किल
किसान लोगों का कहना है कि गोवंशों के कारण किसी भी फसल को बचा पाना बहुत मुश्किल हो रहा है. कटीले तार या किसी तरह का घेरा भी फसलों को नहीं बचा पा रहा है. सरकार द्वारा जो उपाय किए जा रहे है वह काम कामयाब होता नहीं दिख रहा है. इस कारण तमाम तरह की समस्याएं लोगों को हो रही है.

गोवंशों के कारण दुर्घटनाओं के आंकड़ों में न केवल बढ़ोतरी हो रही है. वहीं तमाम तरह की अन्य समस्याएं भी हो रही है. गोवंशों के लिए जो गौशाला या पशु आश्रय स्थल बनाए जा रहे है वहां पर सुविधाएं न होने के कारण पशु रुक तक नहीं रहे है. सड़कों और खेतों में उनके लिए आज भी चारागाह बने हुए हैं.

सरकार का दावा फेल
सरकार का दावा है कि गौवंशों को बाकायदा टैग लगाकर गौशालाओं में रखा जा रहा है. कई गांवों में गोशालाओं का निर्माण करवाया जा रहा है. आम लोगों की राय में सड़कों पर स्थिति लगातार खराब हो रही है. गौवंशों के कारण केवल दुघर्टनाएं कम नहीं हो रही हैं. ट्रैफिक अधिक होने के कारण यातायात में लगने वाला समय भी बढ़ रहा है.

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तमाम जगहों पर गौशालाओं का निर्माण किया गया है. उसी तरह हमारे जिले में भी कई गौशालाओं का निर्माण करवाया गया है. जहां पर गौवंशों को पर्याप्त सुविधा के साथ रखा जा रहा है. वहीं जो समस्याएं आ रही है उसके लिए हम लगातार कोशिश कर रहे हैं.
-नागेंद्र नाथ यादव, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट

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