बलरामपुर:पुलिस के कई पक्ष को हम जानते हैं. कुछ अनुभव बेहद अच्छे हैं तो कुछ बेहद कड़वे, लेकिन कहीं-कहीं समाज और संस्कृति को समृद्ध बनाने और विस्तार देने में पुलिस विभाग का भी योगदान है. जिले के पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा के प्रयासों से मुख्यालय से तकरीबन 100 किलोमीटर दूर बैठे थारु जनजाति बहुल गांव में किसी थारु के चेहरे पर मुस्कान आ रही है, तो किसी दाल मिल में काम करने वाले और सुदूर इलाकों में रहने वाले मसूर किसानों की बाछें खुशी से खिल जा रही होंगी.
इसका कारण है जिले के पुलिस लाइन में स्थापित पुलिस कैंटीन में ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) के तहत मसूर दाल और थारु संस्कृति से जुड़े प्रोडक्टस का यहां पर बिकना. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों खुले इस कैंटीन में न केवल आम जनता खरीददारी कर सकती है, बल्कि बेहद कम दरों में रोजमर्रा के सामानों के साथ-साथ थारु संस्कृति और जिले के महत्वपूर्ण उत्पाद मसूर दाल की तमाम किस्मों का लुत्फ भी उठा सकती है.
थारु समाज के लिए बेहतरीन प्लेटफॉर्म उपलब्ध हो रहा
बलरामपुर पुलिस कैंटीन के जरिए थारु समाज द्वारा बनाई जाने वाली टोपी, डलिया, झौवा, सजावट के समान और ओडीओपी के तहत आने वाले मसूर दाल की कई किस्मों को यहां बेचा जा रहा है. जो इन सभी चीजों से जुड़े लोगों को एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म उपलब्ध करवा रहा है.