बलरामपुरःप्रदेश सरकार का दावा है कि पूरे प्रदेश सहित बलरामपुर जिले को भी खुले में शौच से मुक्त कर दिया गया है. लोग अब घरों में बने शौचालयों में ही शौच के लिए जाते हैं, लेकिन यह दावा कितना सही है, इसकी जमीनी हकीकत जिले के किसी भी गांव या नगरीय क्षेत्र के बाहरी इलाकों में जाकर सड़कों के किनारे की स्थिति को देखकर लगा सकते हैं.
शाम को क्या महिलाएं, क्या पुरुष, आज भी हाथों में लोटा लेकर शौच को जाते नजर आ जाते हैं. वहीं स्वच्छ भारत मिशन की तरफ से बनवाए गए शौचालयों की स्थिति यह है कि किसी ने उसमें भूसा भर रखा है, तो किसी के घर में बने शौचालय में गड्ढे और सीट तक नहीं हैं. कहीं-कहीं तो कागज में ही शौचालयों का निर्माण करवा दिया गया है. ऐसे में जिला प्रशासन का यह दावा कितना मुफीद है, अंदाजा लगा सकते हैं. जिले की सभी 801 ग्राम सभाएं खुले में शौच से मुक्त हो चुकी हैं.
क्या कहता है आंकड़ा
जिले की आबादी तकरीबन 25 लाख है. 9 ब्लॉकों के तहत आने वाली 801 ग्राम सभाओं में ग्रामीण रहते हैं. इन्हें बीमारियों से मुक्त करने और जिले के बाशिंदों को स्वच्छ आबोहवा मुहैया करवाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2 लाख 20 हजार से अधिक शौचालयों का निर्माण करवाया गया. वहीं स्वच्छ भारत मिशन में शौचालयों से वंचित रह गए परिवारों के लिए एलओबी प्रथम के तहत 50 हजार 92 शौचालयों का निर्माण करवाया गया.
90 गांवों में किया जाना है शौचालय का निर्माण
वहीं एलओबी के दूसरे फेज में 4729 शौचालय बनवाए गए. स्वच्छ भारत मिशन के ही यूनिवर्सल सैनिटेशन मिशन के तहत अन्य छूटे हुए परिवारों के लिए 20 हजार 580 शौचालयों का निर्माण होना है. इसके साथ ही जिले के सभी ब्लॉकों के 90 गांवों में एक-एक सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया जाना है. जिले के सभी थानों, तहसील और ब्लॉक मुख्यालयों पर एक-एक स्वच्छ्ता पार्क का भी निर्माण होना है.