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मोदी-योगी-शाह के भी खड़े हो गए कान, ऐसे हैं बलरामपुर के हाजी नब्बन खान - लोकसभा चुनाव 2019

हाजी नब्बन खान श्रावस्ती 58 लोकसभा क्षेत्र से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी थे. काफी कम खर्चे में इन्होंने अपना चुनाव प्रचार किया जो कि बहुत ठंडा रहा, लेकिन कुछ युवाओं की फौज ने चुनाव बाद इनके पक्ष में ऐसी हवा बनाई कि आज हर मोबाइल का वाट्सऐप, फेसबुक, टि्वटर सहित तमाम सोशल मीडिया के प्लेटफार्म इन्हीं के नाम और नारे से भरे पड़े हैं.

हाजी नब्बन खान
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Published : May 14, 2019, 11:46 PM IST

बलरामपुर : 'धरती आकाश नापे हैं, हाजी नब्बन चापे हैं, मोदी-योगी-शाह के भी खड़े हो गए कान, सबसे पूछ रहे हैं ये कौन है हाजी नब्बन खान' ऐसी ही हजारों शायरियां, चुटकुले और मीम्स सोशल मीडिया की फिजाओं में हाजी नब्बन खान के लिए तैर रहे हैं. हाजी नब्बन खान श्रावस्ती 58 लोकसभा क्षेत्र से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी थे.

काफी कम खर्चे में इन्होंने अपना चुनाव प्रचार किया जो कि बहुत ठंडा रहा लेकिन कुछ युवाओं की फौज ने चुनाव बाद इनके पक्ष में ऐसी हवा बनाई कि आज हर मोबाइल का वाट्सऐप, फेसबुक, टि्वटर सहित तमाम सोशल मीडिया के प्लेटफार्म इन्हीं के नाम और नारे से भरे पड़े हैं. अगर बलरामपुर की टॉप ट्रेंडिंग लिस्ट देखी जाए, तो हाजी नब्बन खान इस मामले में टॉप ट्रेंड कर रहे हैं. इन सारी बातों का कितना प्रभाव हाजी नब्बन खान पर पड़ता है, इस बात को जानने के लिए ईटीवी भारत ने हाजी नब्बन खान से बातचीत की.

हाजी नब्बन खान ने ईटीवी भारत से की बातचीत

रसूख के दम पर लड़ते हैं लोग चुनाव

नब्बन खान ने हमसे कहा कि जो लोग अब मेरे पक्ष में हवा बनाने का काम कर रहे हैं, वे अगर चुनाव से पहले बना रहे होते तो मेरे लिए कुछ वोट बन जाते, लेकिन अब मुझे ऐसा लगता है कि वे लोग मेरा मजाक उड़ा रहे हैं. इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता. वह कहते हैं कि आजकल प्रत्याशियों के रूप में जो लोग जनता के सामने आते हैं, वह जमीनी नहीं होते. उन्होंने जमीन के लिए कोई काम नहीं किया होता है. वे अपने पैसे या रसूख के दम पर चुनावी मैदान में होते हैं. फिर भी उन्हें प्रत्याशी बना दिया जाता है और वह अपनी जीत के लिए दम भरते रहते हैं. खूब पैसा खर्चा करते हैं, लेकिन मैंने कम से कम श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र की जनता के लिए तमाम काम किया है, जिनके जरिए पार्टी ने मेरी मेहनत को सराहा और मुझे यहां से प्रत्याशी बनाकर चुनाव लड़वाया. कम पैसे थे, इसलिए चुनाव प्रचार बहुत ज्यादा नहीं हो सका.

क्या यह विरोधियों की साजिश है?
इस सवाल पर हाजी नब्बन खान कहते हैं कि देखिए, हीरे की चमक को कोई कम नहीं कर सकता और कोयले को कोई चमका नहीं सकता. तो मैंने श्रावस्ती की जनता के लिए काम किया है. गरीबों की आवाज उठाई है और आगे भी यही काम करता रहूंगा. इसलिए मुझे इसका फर्क ही नहीं पड़ता. हां, इस बात का खेद जरूर है कि यह लोग जो अब कर रहे हैं, वह उन्हें पहले करना चाहिए.
क्या आप सोशल मीडिया चला लेते हैं?

इस सवाल का हाजी नब्बन खान जवाब देते हुए कहते हैं कि मेरे फोन में मैं केवल इतना जानता हूं कि कोई कॉल कैसे रिसीव की जा सकती है और अगर कोई काल छूट जाए तो उसे कैसे मिलाया जा सकता है. सोशल मीडिया से मेरा दूर-दूर तक का कोई नाता नहीं है.

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