बलरामपुर: जिले में छुट्टा जानवरों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसे आम जनता परेशान है. आए दिन छुट्टा जानवरों की वजह से सड़कों पर हादसे होते हैं. साथ ही जानवर किसानों की फसलें नष्ट कर देते हैं. हालात यह हैं कि किसानों ने अपने खेतों में कटीले तार लगाने शुरू कर दिए हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा छुट्टा जानवरों के लिए लागू की गई गोशाला योजना भी कोई मदद नहीं कर पा रही है. साथ ही सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के कड़े दिशा-निर्देश भी बेकार साबित हो रहे हैं. जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार मिशन के तहत तकरीबन 8 करोड़ 25 लाख रुपये खर्च कर तकरीबन 40 गोशालाओं का निर्माण करवाया जा चुका है.
महीने में औसतन होते हैं 15 एक्सीडेंट
जिला प्रशासन का दावा है कि गोशालाओं में 1600 छुट्टा गोवंशों को पाला जा रहा है, लेकिन इन गोशालाओं का निर्माण ऐसी जगह पर करवाया गया है, जहां पर न तो गाय पहुंच सकती हैं और न ही उनकी देख-रेख के लिए कोई व्यक्ति रह सकता है. इस कारण अधिकतर गोवंश या तो सड़कों पर दिखाई देते हैं या किसानों के खेत में. अगर गोवशों के कारण सड़कों पर होने वाले एक्सीडेंट की बात की जाए तो महीने में औसतन 15 एक्सीडेंट होते हैं. कई दफा एक्सीडेंट इतने भीषण होते हैं कि लोगों की जान तक चली जाती है.