बलरामपुरः जिले के शिवपुरा इलाके के मोतीपुर ग्रामसभा में कुछ दिनों पहले ही 7 मासूमों सहित 9 लोगों की मौत हो गयी थी. वहीं अब इसी इलाके के गोकुली गांव में एक बार फिर रहस्मयी बुखार और उल्टी कहर बरपा रहा है. इस वजह से एक ही परिवार के दो बच्चों सहित कुल चार लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि एक की हालत गंभीर बताई जा रही है. मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम को कैम्प करने का निर्देश दिया गया है. जबकि गांव वाले इसे दैवीय प्रकोप समझकर इलाज करवाने से कतरा रहे हैं. लोग झाडू फूंक के चक्कर में पड़े हुए हैं.
बलरामपुर जिले के शिवपुरा इलाके के मोतीपुर में रहस्मयी बुखार से हुए 7 मासूम बच्चों सहित कुल 9 लोगों की मौतों के बाद अब गोकुली गांव में उल्टी-दस्त-बुखार की वजह से एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत का मामला सामने आया है. जानकारी के बाद अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर एके सिंघल ने गांव जाकर ग्रामीणों से बीमार के बारे में जानकारी ली और उन्हें समय से इलाज करवाने का सुझाव दिया. जबकि गांव वाले इस रहस्यमयी बीमारी को दैवीय प्रकोप मानकर इलाज करवाने से कतरा रहे हैं. एसीएमओ की हिदायत पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव के लोगों का नियमित चेकअप करेगी.
एक ही परिवार के चार लोगों की मौत शिवपुरा क्षेत्र के गोकुली गांव में फैले रहस्यमयी बुख़ार और उल्टी-दस्त की शिकायत से पीड़ित एक ही परिवार से आने वाले बीते चार लोगों की मौत एक ही सप्ताह के भीतर हो गयी. इस सूचना से स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मचा हुआ है. मृतकों में सुमन पत्नी पैकूलाल (25), शालिनी पुत्री पैकूलाल (03) रजनी पुत्री पैकूलाल (07) कंचना पत्नी तिलकराम (70) शामिल हैं. यह मौतें पिछले एक हफ्ते के दौरान हुई हैं, जबकि उसके 10 दिन पहले ही मोतीपुर गांव के लोगों में इसी तरह की बीमारी को देखा गया था. फिर भी स्वास्थ्य विभाग ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया.
मोतीपुर के बाद अब गोकुली गांव हुए मौतों के बाद हरकत में आए एसीएमओ डॉक्टर एके सिंघल ने मृतकों के परिजनों से मिलकर उनका हालचाल जाना. डॉक्टर सिंघल का कहना है कि इन सभी की मौत उल्टी-दस्त से गंभीर निर्जलीकरण के कारण हुई है. उन्होंने संभावना जताते हुए कहा कि गांव में लगे इंडिया मार्का हैंडपंप और निजी हैंडपंपों से जो पानी आ रहा है, वो हो सकता है दूषित हो. इस कारण लोगों में बीमारियां पैदा हो रही हैं. उन्होंने ग्रामीणों द्वारा दूषित खाना खाने और बीमारी का सही समय पर इलाज न कराना भी मौतों का संभावित कारण माना है. एक ही परिवार के चार लोगों की मौत इसे भी पढ़ें- श्रावस्ती में बिजली पोल से टकराई बाइक और SSB की गाड़ी, बाइक सवार दो की मौत, 5 जवान घायल
एसीएमओ डॉक्टर एके सिंघल ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के स्थानीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि गांवों का दौरा कर ऐसे मरीजों को चिन्हित करें. जिन्हें उल्टी-दस्त, बुखार जैसे लक्षण आ रहे हैं. उनका जांच करवाकर इलाज की व्यवस्था की जाए. उन्होंने स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों को कहा है कि इस तरह के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी.