उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

श्रावस्ती लोकसभा : जानिए थारू जनजाति के मतदाताओं का क्या है मूड - political news

श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र के थारू मतदाता किसी भी पार्टी की जीत के लिए निर्णायक भूमिका निभाते हैं. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की जनसभा में आए इन मतदाताओं से ईटीवी भारत संवाददाता ने खास बातचीत की.

ईटीवी संवाददाता से बात करती थारू जनजाति की मतदाता.

By

Published : May 9, 2019, 9:23 PM IST

बलरामपुर : जिले के छोटा परेड ग्राउंड में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रैली जैसे ही खत्म हुई, थारू जनजाति की तरफ से आईं कुछ महिलाओं ने निवर्तमान सांसद दद्दन मिश्रा को घेर लिया और उनसे एक-एक करके अपनी समस्याएं गिनाने लगीं. यह नाराजगी देखते हुए सांसद दद्दन मिश्रा ने उन्हें संभालने और समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अपनी मूल समस्याओं को गिनाते हुए कहा कि पिछले 70 वर्षों से जिस बदलाव की दरकार थी, उस बदलाव की दरकार आज भी है.

ईटीवी संवाददाता से बात करती थारू जनजाति की मतदाता.

80 ग्राम सभाओं में है थारू जनजाति का दबदबा

  • श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र के तकरीबन 80 ग्राम सभाओं में 1.5-2 लाख की जनसंख्या में थारू जनजाति निवास करती है, जिसमें तकरीबन 60 से 70 हजार वोटर्स हैं.
  • ये मतदाता किसी भी पार्टी के लिए निर्णायक साबित होते रहे हैं. पिछले कुछ वर्षों में थारू जनजाति का भारतीय जनता पार्टी के बीच रुतबा तो बढ़ा है, उनके लिए काम करने की ललक भी बढ़ी है, लेकिन उनकी जो मूल समस्याएं थी, वह आज भी खत्म नहीं हो सकी हैं.

मूलभूत सुविधाओं का अभाव

  • कोमता राणा ने कहा कि पिछले कई सालों से उनके गांव को जोड़ने वाला मुख्य संपर्क मार्ग टूटा हुआ है, जो तकरीबन 2 किलोमीटर का है.
  • बीते कई सालों में किसी सरकार ने इस संपर्क मार्ग को बनवाने की जहमत नहीं उठाई.
  • उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान विकास तो हुआ है, लेकिन जिस गति से विकास की जरूरत है. वह अभी तक पूरा नहीं हो सका है.
  • आज भी सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव बना हुआ है.

हमारे गांव में सभी के घर 'स्वच्छ भारत मिशन' के अंतर्गत शौचालय नहीं बन सके. इससे तमाम तरह की समस्याएं होती हैं. वनटांगिया ग्राम होने के नाते बिजली की सुविधाओं से अब तक अछूते हैं. कुछ घरों में सोलर लाइट की व्यवस्था की गई है, लेकिन वह पूरे गांव के लिए नाकाफी है.

-तारा देवी, थारू जनजाति

इस सरकार में काम तो किया गया है और अच्छा काम किया गया है, जो महिलाएं पहले जंगल में लकड़ी लेने जाया करती थीं, अब उन्हें गैस मिल चुकी है. सुविधाओं में बढ़ोतरी की जा रही है. गांव-गांव बिजली पहुंच रही है, लेकिन अभी भी बहुत सारे ऐसे गांव हैं, जहां पर सुविधाओं की कमी है. पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्थाओं की कमी है.

-ममता राणा, थारू जनजाति

ABOUT THE AUTHOR

...view details