बलरामपुर: जिला इस समय भीषण बाढ़ की समस्या से जूझ रहा है. पिछले शनिवार की रात और रविवार को पूरे दिन हुई बारिश के कारण जिले के कई नाले और नदी अपने उफान पर हैं. राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के कारण हरैया सतघरवा, ललिया, तुलसीपुर, गैंसड़ी, गौरा और पचपेड़वा क्षेत्रों में जलभराव की समस्या है. इस कारण कई जगहों पर सड़कें भी पानी से बह गई हैं.
पलायन को मजूबर लोग:
- हरिहरगंज, ललिया बलरामपुर तुलसीपुर बौद्ध परिपथ गौरा चौराहा तुलसीपुर मार्ग पर कई स्थानों पर पानी का बहाव तेज है.
- आवागमन पूरी तरह से ठप चल रहा है.
- राप्ती नदी खतरे के निशान से तकरीबन 50 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.
- राप्ती नदी व पहाड़ी नालों में आई बाढ़ के कारण 100 से अधिक गांव पूरी तरह से चपेट में हैं.
- नालों की बाढ़ से भुसावल, लखनीपुर, पिट्ठा लौकहावा, खैरापुर, नारायणापुर, प्रतापपुर समेत 50 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
- राप्ती नदी की बाढ़ के कारण परसा, सेवरहा, थारुवा, थारुनी, सिंघवापुर, गोदहना सहित कई गांव प्रभावित हुए हैं.
- जिले में बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में ललिया व हरैया थाना क्षेत्र के लोग नजर आते हैं.
- ललिया थाना क्षेत्र के पिट्ठा निवासी सद्दाम खान बताते हैं कि किसी तरह की प्रशासन द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
ग्रामीण सद्दाम खान का कहना है कि हम लोगों के साथ भोजन की समस्या खड़ी हो गई है. लोग पलायन करने पर मजबूर हैं. घरों में पानी भर जाने से लोग अब सड़कों पर रहने को मजबूर हैं. वहीं इसी गांव के रज्जाक का कहना है इस क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ है. बाढ़ के कारण हर साल लाखों की फसलें बर्बाद होती है और बड़े पैमाने पर जन-धन की हानि होती है, लेकिन प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है. किसी व्यवस्था को कोई देखने वाला नहीं है.