बलरामपुर:दिल्ली में पकड़े गए आतंकी अबू यूसुफ उर्फ मुस्तकीन की गिरफ्तारी के बाद अब कड़ियां परत दर परत खुलने लगी हैं. ये सामने आ रहा है कि वह सोशल नेटवर्किंग साइट्स और गैजेट्स का जानकार था. उसकी ट्रेनिंग सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर ही हुई थी. वह तमाम कट्टरपंथी धर्मगुरुओं को देखकर आतंक के रास्ते पर आगे बढ़ा. उसकी मंशा देश में धमाका करके लोगों को कट्टरपंथ का संदेश देना था.
सोशल मीडिया में माहिर था मुस्तकीम. यूपी एटीएस और दिल्ली स्पेशल सेल की पूछताछ में उसने कई खुलासे किए हैं, जो बेहद चौंकाने वाले हैं. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार, अबु यूसुफ उर्फ मुस्तकीम ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए आतंक का सामान जुटा रहा था. उसने कई बार ऑनलाइन शॉपिंग करके अपने लिए कई उपकरण मंगवाए थे.सूत्रों के अनुसार, अबू यूसुफ उर्फ मुस्तकीम आतंक फैलाने के ताने-बाने को ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए तैयार कर रहा था. कोरियर के जरिए ही विस्फोट के लिए चीजें जुटा रहा था. यही नहीं, वह सामानों की खरीद-फरोख्त के भुगतान के लिए अपने क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड इस्तेमाल करता था. अब सवाल यह उठता है कि उसके पास जब आय का कोई बड़ा स्रोत नहीं था तो उसके खाते में इतने पैसे कहां से आते थे.मुस्तकीम के नाम से बुधवार को एक मिनी जूसर का कोरियर उतरौला मार्केट में स्थित कोरियर कंपनी पर पहुंचा. तब यहां की स्थानीय खुफिया सतर्क हुई. 26 अगस्त को आने वाले इस कोरियर की कीमत महज 141 रुपये है, जिसकी कीमत डिलीवरी के बाद अदा किया जाना था. इससे पहले भी 14 अगस्त व 19 अगस्त को एक-एक कोरियर मुस्तकीम पहले ही रिसीव कर चुका था. इसमें क्या सामान थे, क्या चीजें थी? इसकी भनक किसी को नहीं है.