महराजगंज:भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कोरोना वायरस को लेकर देश में शोध कार्य शुरू किया है. आईसीएमआर देश के 60 जिलों से 24 हजार ब्लड सैंपल इकट्ठा कर रहा है, जिससे देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव और देशवासियों के अंदर रोग प्रतिरोधिक क्षमता की स्थिति का पता लगाया जा सके.
एक गांव में 40 लोगों के सैंपल इस तरह लिया गया है, जिससे गांव के सभी मजरों के लोग उसमें शामिल हो सकें. ब्लड सैंपल लेने के बाद इसे एनआईबी गोरखपुर और मुख्यालय चेन्नई भेजकर ब्लड सैंपल की जांच कराई जाएगी, जिससे ये पता चल सके कि कोरोना वायरस का संक्रमण समुदाय में हुआ है या नहीं. इससे ये भी पता चल सकेगा कि ग्रामीण अंचल के लोगोंकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसी है.
आईसीएमआर ने देश में शोध के लिए दो तरह के स्थानों का चयन किया है. पहला हाॅटस्पाॅट एरिया और दूसरा ग्रामीण अंचल. देश के 60 जिलों से 24 हजार लोगों के ब्लड के सैंपल जांच व शोध के लिए लिए जा रहे हैं.
पूर्वांचल के नोडल अधिकारी डॉ. गौरव राज द्विवेदी बताते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार की मंशा है कि लोगों की जांच करके यह पता लगाया जा सके कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कितनी है. वह बढ़ रही है या घट रही है.
कोरोना वायरस का प्रसार ग्रामीण अंचलों में हो रहा है या नहीं, इसलिए हम लोगों ने पूरे देश से 24,000 सैंपल इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा है, जो देश भर के 60 जिलों से इकट्ठा किए जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से के तीन जिलों गोंडा, बलरामपुर और मऊ को चुना गया है.
उन्होंने बताया कि आईजीजी बेस्ड रैंडम सैंपलिंग करके हम लोग इसे जांच के लिए चेन्नई व गोरखपुर सेंटर पर भेजेंगे, जिसके बाद जो नतीजे आएंगे, उसके आधार पर कोरोना वायरस से लड़ने की रणनीति को तैयार की जाएगी. इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अपनी नीतियों में बदलाव कर सकता है.