बलरामपुर :बलरामपुर जिला सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़े व घोटाले का गढ़ बनता जा रहा है. जिले में शादी अनुदान योजना में हुए घोटाले की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि अब सामूहिक विवाह योजना में भी फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. यहां सामूहिक विवाह के तहत विवाहित जोड़ों को ही बिठाकर उनकी शादी कराकर अधिकारियों ने सरकारी बजट को खारिज कर लिया है.
दरअसल, यहां बीते 26 मार्च को समाज कल्याण विभाग द्वारा सामूहिक विवाह योजना के तहत सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया था. जिले में कुल 290 जोड़े प्रस्तवित थे, जिसमें 225 जोड़ों की सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी कराई गई. इस विवाह में लाखों का खर्चा कर सारा इंतजाम किया गया.
समाज कल्याण विभाग को वास्तविक जोड़े
इस योजना के अंतर्गत विवाह करने वालों को कई दौर की जांच के बाद चयनित कुंवारे दूल्हा व दुल्हन की शादी कराने का नियम है. इसके बावजूद समाज कल्याण और विकास विभाग के अधिकारियों ने सारे नियमों को ताक पर रखकर इस सामूहिक विवाह में तमाम शादीशुदा (विवाहित) जोड़ों को बिठा दिया और उनकी शादी करा दी. जबकि उनकी शादी करीब 4 साल, 10 साल और 15 साल पहले हो चुकी थी.
विवाह करने आए जोड़ों की पहले ही हो चुकी है शादी
शादी के दौरान दुल्हन बनी आरती ने बताया कि वो चन्वई गांव की रहने वाली है और उसकी शादी 4 साल पहले हो चुकी है. जबकि दूल्हा बने राजू ने बताया कि योजना बहुत अच्छी है और उसका विवाह 15 साल पहले हो चुका है. इसी तरह से कई जोड़े ऐसे दिखाई दिए, जिन्होंने पहले ही शादी कर रखी थी. कुछ जोड़ों के साथ तो उनके बच्चे भी विवाह में शामिल हो रहे थे.
बिना लग्न के ही करवा दी गयी शादी