बलरामपुर: जनपद मेंं कोरोना का पहला मामला सामने आया है. तुलसीपुर तहसील के पचपेड़वा थाना क्षेत्र के इमिलिया खादर ग्रामसभा का रहने वाला 23 वर्षीय युवक 18 अप्रैल को अपने दो साथियों के साथ मुंबई से पचपेड़वा पहुंचा था. वह 10 अप्रैल को मुंबई से पैदल और अन्य साधनों से 18 अप्रैल को बलरामपुर आया था. इससे पहले ये तीनों सिद्धार्थनगर जिले के अल-फारूक इंटर काॅलेज और इटावा में 15 से 17 अप्रैल तक रहे थे.
बलरामपुर मेंं मिला कोरोना का पहला मरीज, नहीं था कोई भी लक्षण - first corona positive patient
यूपी के बलरामपुर में कोरोना का पहला मरीज सामने आया है. मरीज अपने दो साथियों के साथ मुंबई से आया था.
युवकों के जिले में प्रवेश करने से पहले बलरामपुर-सिद्धार्थनगर बॉर्डर पर थर्मल स्कैनिंग भी हुई थी. 18 अप्रैल को अपने गांव पहुंचे तो तीनों को गांव के बाहर स्थित प्राथमिक विद्यालय में रखा गया और उसी दिन तीनों को पचपेड़वा के फजले रहमानिया इंटर कॉलेज में बने क्ववारंटाइन सेंटर में लाया गया. मुंबई जैसे हॉटस्पॉट इलाके से आने के कारण 19 अप्रैल को तीनों के सैंपल जांच के लिए लखनऊ भेजे गये थे. इसमें से 23 अप्रैल को मिली रिपोर्ट में एक युवक पाॅटिटिव निकला है, जबकि युवक में कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं दिख रहे थे. वहीं अन्य दो युवकों की रिपोर्ट निगेटिव आई है.
250 मरीजों के सैंपल भेजे जा चुके हैं
कोरोना पाॅजिटिव मिलने पर डीएम कृष्णा करूणेश, एसपी देव रंजन वर्मा और एसीएमओ डॉ. बीपी सिंह ने पचपेड़वा स्थित फजल-ए-रहमानिया इंटर कॉलेज में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर पहुंचकर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पाॅजिटिव मरीज से बातचीत की. पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा ने पचपेड़वा थाने में पहुंचकर क्षेत्र में ड्यूटी में लगे सभी पुलिस और प्रशासनिक कर्मचारियों को विशेष सर्तकता बरतने के निर्देश दिए. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. घनश्याम सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग अब पॉजिटिव मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री और संपर्क में आए सभी लोगों का डाटा खंगालने में जुट गया है. क्वारंटाइन सेंटर के एक किलोमीटर सेंसिटिव जोन और दो किलोमीटर बफर जोन को सील कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि सेंटर में रह रहे सभी 49 लोगों के सैंपल लेकर आने वाले 3-4 दिनों में जांच के लिए भेजा जाएगा. सीएमओ ने बताया कि अब तक जिले में तकरीबन 250 मरीजों का सैंपल भेजा जा चुका है, जिसमें पहला पॉजिटिव केस युवक के रूप में सामने आया है.
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने बताया कि मरीज के संपर्क में आए सभी लोगों की लिस्टिंग कराई जा रही है. उन्होंने बताया कि इलाके में सैनिटाइजिंग, होम लिस्टिंग, साफ-सफाई और अन्य सहायता के कामों के लिये 100 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है.