बलरामपुर:यूरिया को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में घमासान मचा हुआ है. साधन सहकारी समितियों पर से यूरिया और खाद की बोरिया गायब नजर आ रही है. यूरिया, खाद की कमी के चलते सहकारी समितियों पर किसानों की भारी भीड़ जुट रही है. वहीं किसान लगातार बेहाल नजर आ रहे हैं. प्राइवेट दुकानों पर 270 रुपये की दर पर बिकने वाली यूरिया की बोरियां 500 से रुपये प्रति बोरी के हिसाब से बेची जा रही है. यूरिया की इस कालाबाजारी को लेकर किसानों में काफी आक्रोश है. किसानों ने साधन सहकारी समितियों पर पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध कराए जाने और कालाबाजारी पर अंकुश लगाने की मांग जिलाधिकारी से की है.
साधन सहकारी समितियों पर लटका ताला
बारिश के बाद निकलने वाली धूप के दौरान धान और गन्ने की फसल में खाद डालने से पैदावार अच्छी होती है. फसल में खाद डालने के लिए किसानों को यूरिया की जरूरत है, लेकिन साधन सहकारी समितियों से आजकल यूरिया गायब नजर आ रहा है. कुछ समितियों पर यदि उपलब्ध भी है तो यूरिया की मात्रा इतनी कम है कि वहां पर मौजूद किसानों को यूरिया मिल पाना लगभग असंभव नजर आ रहा है. अधिकांश साधन सहकारी समितियों पर ताला लगा हुआ रहता है, जिससे किसानों को खासी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है.
मायूस घर लौटते हैं किसान
जहां पर समितियां खुल रही हैं वहां भी किसानों की भारी भीड़ जुट रही है. समिति खुलने से पहले ही बलरामपुर जिले के नगर क्षेत्र में स्थित मंडी समिति के साधन सहकारी समिति में रोजाना तकरीबन 2 हजार की संख्या में किसानों की भीड़ जुट जाया करती है. जबकि महज सौ से डेढ़ सौ किसानों को ही यूरिया पाने के लिए टोकन मिल पाता है. भीड़ काबू करने के लिए न तो पुलिस मौजूद रहती है और न ही प्रशासनिक अमला.