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कोरोना का कहर: बलरामपुर में देवी पाटन मंदिर के कपाट 31 मार्च तक बंद - सीएम योगी आदित्यनाथ

कोरोना वायरस के कारण बलरामपुर जिले में स्थित देवी पाटन मंदिर के कपाट को आम जनता के लिए 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है. वहीं नवरात्र से शुरू होने वाले मेले को भी 2 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया है.

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देवी पाटन मंदिर.

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Published : Mar 23, 2020, 2:55 AM IST

गोरखपुरः सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद जिले के तुलसीपुर स्थित 51 शक्तिपीठों में से एक मां पाटेश्वरी देवी मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद कर दिया गया है. इसके साथ ही वर्षों से यहां लग रहा मेला भी आगामी 2 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. इस मेले में हर नवरात्र देश-विदेश से कम से कम लाखों की भीड़ एकत्रित होती थी.

मां पाटेश्वरी देवी मंदिर के कपाट भक्तों के लिए बंद.

मंदिर का कपाट आम भक्तों के लिए बंद
जिले में स्थित देवी पाटन मंदिर के महंत मिथलेशनाथ योगी ने बताया कि 31 मार्च तक मंदिर का कपाट आम भक्तों के लिए बंद रहेगा, लेकिन मां पाटेश्वरी की नियमित पूजा अर्चना, ब्रह्ममुहूर्त आरती, पूर्वाहन भोग आरती, अपराह्न काल आरती और धार्मिक अनुष्ठान मंदिर परिसर में सदियों पुरानी परंपरा की भांति चलता रहेगा.

पीर रतनाथ बाबा की शोभा यात्रा का दायरा भी सीमित
महंत ने बताया कि इस दौरान मंदिर परिसर में स्थित सूर्यकुंड को भी आम भक्तों के लिए बंद रखा जाएगा, जिससे कोई कुंड में स्नान न कर सके. मंदिर परिसर में नवरात्र से शुरू होने वाले मेले को भी 2 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया है, जबकि आदिकाल से चैत्र नवरात्र की पंचमी तिथि को नेपाल से आने वाली पीर रतनाथ बाबा की शोभा यात्रा का दायरा भी सीमित कर दिया गया है.

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नेपाली प्रतिनिधियों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही भारत में प्रवेश
महंत मिथलेशनाथ ने बताया कि इस बार नेपाल से आने वाली पीर रतननाथ बाबा की शोभा यात्रा के साथ करीब 150 से 200 लोगों के स्थान पर 10 से 11 लोग ही आ सकेंगे. इन सभी नेपाली प्रतिनिधियों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही भारत में प्रवेश दिया जाएगा.

इसके अलावा पैदल यात्रा के तुलसीपुर में प्रवेश करते ही नगरवासियों द्वारा सैकड़ों की संख्या में भव्य स्वागत भी किया जाता था, लेकिन इस बार भारत नेपाल की सीमा से प्रवेश के बाद पात्र देवता नेपाली प्रतिनिधियों के साथ सीधा वाहन से मंदिर पहुंचेंगे, जिससे भारी संख्या में होने वाली भीड़ पर लगाम लगाया जा सके.

एंट्री गेट पर लगाए जाएंगे थर्मल स्कैनर
पंचमी तिथि को पीर रतननाथ बाबा की शोभा यात्रा मंदिर परिसर में पहुंचने के बाद मां पाटेश्वरी की पूजा अर्चना की कमान नेपाली प्रतिनिधियों के हाथ में हो जाती है. दशमी के दिन उन्हें वापस जाते वक्त विदाई दिए जाने की भी परम्परा है. मंदिर में किसी भी कोरोना वायरस से प्रभावित व्यक्ति का प्रवेश न हो सके, इसके लिए इंट्री गेट पर थर्मल स्कैनर लगाए जाएंगे.

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पीर रतननाथ बाबा की शोभा यात्रा का दर्शन
महंत मिथलेशनाथ ने लोगों से अपील की है कि पंचमी के दिन सभी श्रद्धालु अपने घर के दरवाजे से ही पीर रतननाथ बाबा की शोभा यात्रा का दर्शन करें. नवरात्र के दौरान सभी भक्त घर में ही मां दुर्गा की आराधना करें और जनहित व देशहित में भीड़ भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें.

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