बलरामपुर: हाथरस से तकरीबन 500 किलोमीटर दूर बलरामपुर में भी गैंगरेप के बाद मौत का मामला 29 सितंबर 2020 को सामने आया था. इस मामले में पुलिस ने प्रथम दृष्टया परिजनों के बयान पर मुख्य आरोपी शाहिद और उसके भांजे को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस द्वारा एससी-एसटी एक्ट के न्यायाधीश जमशेद अली से 20 घंटे का रिमांड बुधवार को लिया गया था, जिसमें कई अहम खुलासे होते नजर आ रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने अभियुक्त पक्ष से बातचीत की और उनसे जानकारी लेने की कोशिश की. ईटीवी भारत ने अभियुक्त की बहन, चाची और पत्नी से बात की, जिसमें उन्होंने कई खुलासे किए.
क्या है पीड़ित परिवार का आरोप
22 वर्षीय मृतक लड़की का परिवार लगातार यह आरोप लगा रहा है कि उनकी बेटी का रेप करने वाले 2 से ज्यादा लोग हो सकते हैं. उनका कहना है कि जो बातें अभियुक्त ने कही हैं, उस पर विश्वास नहीं किया जा सकता है. मुझे लगता है कि इसमें कई लोग शामिल हो सकते हैं. जबकि पुलिस केवल उसी की बात पर ध्यान दे रही है. पीड़ित परिवार का कहना है कि इस मामले में नार्को टेस्ट होना चाहिए और सीबीआई जांच भी होनी चाहिए.
क्या कहता है आरोपी पक्ष
मुख्य आरोपी 25 वर्षीय शाहिद और उसके 16 वर्षीय भतीजे के घर वालों का कहना है कि उनके दोनों बच्चे बेकसूर हैं और उन्हें फंसाया जा रहा है. हमारे लोगों ने ही उस लड़की की दवाई कार्रवाई. उसको नाश्ता करवाया और जो भी सहयोग हो सकता था, किया.
क्या कहती है आरोपी की पत्नी-
मुख्य आरोपी शाहिद की पत्नी जेबा कहती है कि मेरा पति बिलकुल निर्दोष है. उसने तो लड़की की मदद की है. न कि उसे मारा है. मेरे पति और लड़की का पहले से प्रेम सम्बन्ध था. फिर वह उसके साथ गलत काम क्यों करेगा या उसे क्यों मारेगा.
'12 साल का भांजा वही था' :-
अगर आरोपी पक्ष की माने तो शाहिद का 12 वर्षीय का भांजा घटना के दिन दोपहर के समय खाना देने गया था. तब उस लड़की की तबीयत सही थी. वह दुकान में बैठी बात कर रही थी.
'सुबह आयी थी युवती'
मामले में आरोपी शाहिद के परिवार का कहना है कि सुबह पीड़ित युवती दुकान पर आई थी और शाहिद के साथ अपने कॉलेज में एडमिशन कराने गई थी. उसके बाद वह शाहिद के साथ दुकान के पीछे बने कमरे में मौजूद थी. परिवार का यह भी आरोप है कि लड़की ने शाहिद को बताया कि उसकी मां उसे पिछले 2 दिन से पीट रही है और खाना भी नहीं दे रही है. उसने उसके खाने का इंतजाम किया. चाय और बिस्किट मंगवाया. उसने खाया, फिर उसे पेट में दर्द होने लगा.
'युवती ने कहा था दवा दिलवाओ'
शाहिद की बहन ने यह आरोप लगाया है कि लड़की ने ही शाहिद से दवा दिलाने को कहा था. शाहिद ने वहीं दुकान के पास बैठने वाले डॉक्टर जियाउर रहमान को लड़की को इलाज के लिए बुलवाया, लेकिन डॉक्टर ने लड़की की खराब हालत देखकर इलाज करने से मना कर दिया.
'कम्पाउंडर ने किया था इलाज'
जब डॉक्टर ने लड़की का इलाज करने से मना कर दिया तो शाहिद ने पड़ोस के एक कम्पाउंडर लड़के को बुलाया, जो उसका दोस्त भी था. उसी ने लड़की को ग्लूकोज चढ़ाया व दवाइयां दी. इसके बाद भी जब लड़की की हालत में बहुत सुधार नहीं हुआ तो शाहिद ने उसे भांजे के साथ एक रिक्शे पर रवाना कर दिया.