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नाखूनों के बीच जमी मैल में छिपा हो सकता है कोरोना वायरस

स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जबतक कोरोना के लिये वैक्सीन नहीं बन जाती, तबतक हमें छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर ही कोरोना से जंग जीतना होगा. डॉक्टरों ने कहा कि नाखूनों की गंदगी में भी कोरोना वायरस या बैक्टीरिया हो सकता है.

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Published : May 17, 2020, 3:49 PM IST

dr singhal
नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ. एके सिंघल

बलरामपुर: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में सजगता ही सबसे बड़ा हथियार है. लड़ाई जब एक अदृश्य और अनजान वायरस के खिलाफ चल रही हो तो हम हर एक छोटे-बड़े मोर्चों पर सतर्क रहकर ही खुद को सुरक्षित बनाए रख सकते हैं. डॉक्टर्स के मुताबिक, नाखूनों के बीच जमे मैल में भी कोरोना वायरस या बैक्टीरिया हो सकता है, जो कि खाते-पीते समय मुंह के रास्ते पेट तक पहुंच सकते हैं और लड़ाई में कमजोर बना सकते हैं.

कॉन्सेप्ट इमेज.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जहां इस मुश्किल दौर में हर किसी को सुरक्षित बनाने को लेकर अपील की जा रही है. वहीं, इस बारे में भी जागरुक किया जा रहा है कि अगर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचना है तो नाखूनों को छोटा और साफ रखें.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
इस बारे में कोरोना वायरस संक्रमण रोकथाम के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ. एके सिंघल का कहना है कि हमारे नाखूनों के बीच मैल (गंदगी) बहुत आसानी से जमा हो जाती है. इस मैल में वायरस या बैक्टीरिया भी हो सकते हैं. इसलिए नाखूनों को छोटा रखें और हाथ अच्छी तरह से धोएं. वह कहते हैं कि बहुत से लोगों की आदत नाखूनों को चबाने की होती है, जो बहुत ही नुकसानदायक साबित हो सकती है. उससे तौबा करने में ही भलाई है. डॉ. सिंघल बताते हैं कि कोरोना वायरस को पूरी तरह से मात देने वाली वैक्सीन जब तक नहीं मिल जाती. तब तक हमें इन्हीं छोटी-छोटी बातों का ख्याल रखते हुए सजगता के साथ लड़ाई लड़नी है.

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