बलरामपुर:उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायती चुनावों की तैयारी अपने अंतिम दौर में है. उच्च न्यायालय के आदेशानुसार प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग को अप्रैल तक ग्रामीण सरकार का गठन कर देना है. कई जिलों में परिसीमन समेत आरक्षण के काम को पूरा कर लिया गया है. आने वाले दिनों में चुनावों के तारीखों की घोषणा की जा सकती है. 25 मई 1997 को अस्तित्व में आए बलरामपुर जिले में भी ग्रामीण सरकार के चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज़ हैं. लगातार प्रत्याशियों द्वारा जनसंपर्क किया जा रहा है, जिससे त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में उन्हें सामने के प्रतिद्वंदी से बढ़त मिल सके.
बलरामपुर जिले के पंचायत चुनाव का पूरा गणित जानिए क्षेत्रफल और जिले का इतिहास देवीपाटन मंडल के अंतर्गत आने वाले बलरामपुर जिले का अपना एक शानदार इतिहास रहा है. बलरामपुर नगर का नाम यहां के राजा बलरामदास के नाम पर पड़ा, जिन्होंने इस नगर की स्थापना सन 1600 में की थी. इससे पहले यह जिला कोसला साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था. बलरामपुर नगर को गोंडा से अलग करके उतरौला, बलरामपुर और तुलसीपुर तहसील के साथ एक 25 मई 1997 जिला बनाया गया.
जिले का क्षेत्रफल और जनसंख्या बलरामपुर जिले का कुल क्षेत्रफल 3349 वर्ग किलोमीटर है. यहां पर 2011 की जनगणना के अनुसार 3,20,991 परिवार निवास करते हैं. इस जिले के कुल आबादी 21 लाख 48 हजार 665 है, जिसमें 11,14,721 पुरुष व 10,33,944 महिलाएं हैं. 2001 से 2011 के बीच बलरामपुर जिले की आबादी 27.72% के लिहाज से बढ़ी है. बलरामपुर जिले में कुल 3 तहसीलें, 6 शहर, 9 ब्लॉक, 101 न्याय पंचायतें और 800 गांव हैं. बलरामपुर जिले की 92.26% आबादी गांवों में रहती है, जबकि 7.74% आबादी शहरों में निवास करती है. जिले के 1 स्क्वायर किलोमीटर के एरिया में 642 लोग रहते हैं. बलरामपुर जिले की पढ़ी लिखी आबादी 49.51% है.
जिले का धार्मिक गणित जिले के अगर धार्मिक गणित की बात की जाए तो यहां पर 62.05% लोग हिंदू हैं, जबकि 37.51% लोग मुस्लिम धर्म के अनुयायी हैं. जिले में 0.15% लोग क्रिश्चियन धर्म को, जबकि 0.09% लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं. जिले में 0.04% सिखों की आबादी है, जबकि 0.01% जैन धर्म के अनुयायियों की आबादी है.
जिले का जातीय समीकरण जिले के जातीय गणित की बात करें तो यहां पर कुल 2,77,212 लोग शेड्यूल कास्ट यानी अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं, जिनमें 1,45,928 पुरुष और 1,31,284 महिलाएं हैं. अनुसूचित जातियों में कोरी की आबादी 37.45% है, जबकि पासी की आबादी 20.6% है. चमार, धुसिया, जाटव, रूसिया की आबादी जिले में 13.32% है, जबकि धोबी 9.77% और खट्टे 5.69% हैं. उसके साथ ही जिले में 24,887 लोग अनुसूचित जनजाति समूह से ताल्लुक रखते हैं, जिनमें थारु 96.56% व 0.1% भूटिया समाज के लोग हैं.
विधानसभा वार जातीय आंकड़ें जिले की गैंसड़ी विधानसभा में ठाकुर वोटरों की संख्या तकरीबन 10%, ब्राह्मण 12%, दलित 19%, पिछड़ी 24%, मुस्लिम 32% व अन्य जातियां 3% हैं.तुलसीपुर विधानसभा में ठाकुरों की संख्या 13%, ब्राह्मण 12%, दलित 20%, पिछड़ी 22%, मुस्लिम 29% व अन्य 4% है. बलरामपुर विधानसभा क्षेत्र में ठाकुर मतदाताओं की आबादी 14%, ब्राह्मण 15%, दलित 20%, पिछड़ी 21%, मुस्लिम 25% व अन्य 5% है.उतरौला विधानसभा में राजपूत 5%, ब्राह्मण 10%, दलित 16%, पिछड़ी 26%, मुस्लिम 34% व अन्य 5% हैं.
इस बार घट गई एक ग्रामसभा बलरामपुर जिले में लागू किए गए नए परिसीमन के बाद जिले में 801 की जगह 800 ग्राम पंचायतें हैं. देवीपाटन ग्राम पंचायत को पूरी तरह तुलसीपुर नगर पंचायत में शामिल कर लिया गया है. बलरामपुर में जिला पंचायत वार्डों की संख्या 40 है, जबकि क्षेत्र पंचायत वार्डों के लिए जिले में 993 सीटें हैं. जिले में 800 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 10,038 ग्रामपंचायत सदस्यों का चुनाव किया जाएगा. अब नए परिसीमन के अनुसार इन पदों के लिए चुनाव होना है.
पिछले चुनाव में आरक्षणत्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए लागू किए जाने वाले आरक्षण में इस बार 1995 से 2015 को आधार वर्ष माना जा रहा है. 2015 के चुनाव में जिला पंचायत के 24 वार्ड आरक्षित थे. इसमें अनुसूचित जाति महिला दो, अनुसूचित जाति तीन, पिछड़ी जाति महिला चार व पिछड़ा वर्ग के लिए छह और महिला के लिए नौ पद आरक्षित था. वहीं 16 पद अनारक्षित थे.इसी तरह प्रधान पद में अनुसूचित जनजाति आठ, अनुसूचित जातियां 107, पिछड़ी जाति 217 और महिला के लिए 153 पद आरक्षित थे.क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए अनुसूचित जनजाति 13, अनुसूचित जातियां 135, पिछड़ा वर्ग 261, महिला 199 और 366 पद अनारक्षित थे. इतने ही पद इस बार भी आरक्षित रहेंगे, लेकिन गांव व वार्ड बदल जाएंगे.
इस बार के आरक्षण का आंकड़ा इस बार जारी सूची के अनुसार ग्राम प्रधान की 800 सीटों में से विभिन्न वर्गों के लिए 484 सीटें आरक्षित की गई हैं. ग्राम प्रधान पद पर चार-चार सीटें अनुसूचित जनजाति महिला व अनुसूचित जन जाति, 38 सीटें अनुसूचित जाति महिला व 69 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई हैं. अन्य पिछड़ा वर्ग महिला पद पर 75 व अन्य पिछड़ा वर्ग पर 141 सीटें आरक्षित हुई हैं. 153 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं. ग्राम प्रधान की 316 सीटें अनारक्षित हैं.
क्षेत्र पंचायत में आरक्षण क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर 993 की तुलना में 608 सीटें आरक्षित की गई हैं, जबकि 385 सीटें अनारक्षित हैं. अनुसूचित जनजाति महिला के लिए 5, अनुसूचित जनजाति के लिए 8, अनुसूचित जाति महिला के लिए 47, अनुसूचित जाति के लिए 88, पिछड़ी महिला के लिए 90 और पिछड़े वर्ग के लिए 173 सीटें आरक्षित हुई हैं. 197 सीटें महिलाओं को दी गई हैं.
जिला पंचायत सदस्य का आरक्षण जिला पंचायत सदस्य पदों पर 40 की तुलना में 23 सीटें आरक्षित हैं, जबकि 17 सीटें अनारक्षित रखी गयी हैं. अनूसूचित जाति की महिला के लिए दो, अनुसूचित जाति के लिए तीन, पिछड़ी महिला के लिए चार, पिछड़े वर्ग के लिए 6 और महिलाओं के लिए 8 सीटें रिजर्व की गई हैं.
ब्लॉक प्रमुख पद का आरक्षणब्लॉक प्रमुख पद पर 9 की तुलना में चार सीटें आरक्षित की गई हैं, जबकि पांच सीटें अनारक्षित हैं. अनुसूचित जाति महिला, पिछड़ी महिला, पिछड़ा वर्ग व महिला के लिए एक-एक सीटें रिजर्व कर दी गई हैं.
तकरीबन 16.40 लाख मतदाता बनेंगे विधातात्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए इस साल जिले के 9 ब्लॉकों में 16,40,124 मतदाता वोट करेंगे. जिले के सदर ब्लॉक में 116 ग्राम पंचायतें हैं, जिसमें सबसे अधिक 2,47,000 मतदाता और गैंडास बुजुर्ग ब्लॉक में 42 ग्राम पंचायतों में सबसे कम करीब 1,27,000 वोटर अपने-अपने प्रत्याशियों का भाग्य तय करेंगे.जिले में त्रिस्तरीय चुनाव को संपन्न करवाने के लिए 67 लाख 79 हज़ार बैलेट पेपर का उपयोग किया जाएगा. इस बार के त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में 8322 मतपेटिकाओं का उपयोग करके प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला किया जाएगा.