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बलरामपुरः अभी तक नहीं हो सका सेटेलाइट सेंटर का शिलान्यास - केजीएमयू के कुलसचिव

यूपी के बलरामपुर जिले की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार एड़ी चोटी का जोर लगा रही है. जिले में केजीएमयू के सेटेलाइट सेंटर खोला जना था, जिसके लिए 20 करोड़ की राशि दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक कार्यदायी संस्था ने कार्य नहीं शुरू किया.

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संयुक्त जिला चिकित्सालय

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Published : Mar 13, 2020, 5:18 PM IST

बलरामपुरः उत्तरप्रदेश सरकार ने जिले के संयुक्त जिला चिकित्सालय और अन्य दो जगहों पर अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा महाविद्यालय खोलने का प्लान बनाया था, जिसके लिए जमीन भी चिन्हित कर ली गयी है. लेकिन अभी तक काम नहीं शुरू हो सका. इसके लिए 20 करोड़ की धनराशि दी जा चुकी है. बताया जा रहा है कि अगर काम नहीं शुरू हुआ तो 40 करोड़ की राशि अटक सकती है.

फंस सकती है 40 करोड़ की किस्त
केजीएमयू के कुलसचिव आशुतोष कुमार द्विवेदी ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को पत्र भेजकर इस वित्तीय वर्ष में मिलने वाली 40 करोड़ की दूसरी किस्त के अटकने की संभावना व्यक्त की है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में परियोजना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कुल 60 करोड़ रुपए दिए जाने थे, लेकिन निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका. इस कारण अब तक 40 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट नहीं दिया गया है, जबकि 20 करोड़ रुपये परियोजना के शुरुआत में ही दे दिया गया था.

सेटेलाइट सेंटर के निर्माण में हो रही देरी.

बनना है सेटेलाइट सेंटर
मेडिकल यूनिवर्सिटी के सेटेलाइट सेंटर के लिए बलरामपुर सदर ब्लॉक में पड़ने वाले ग्रामसभा महादेव मिश्र में 28 काश्तकारों से 2.424 हेक्टेयर भूमि बैनामा करवा ली गई है. प्रशासनिक भवन के लिए सिरसिया और खगईजोत में 30 काश्तकारों की 0.8636 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है. इनमें से सिरसिया के 17 में से 10 और खगईजोत में 13 किसानों ने 0.53370 हेक्टेयर भूमि बैनामा कर दी है.

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केजीएमयू के सेटेलाइट सेंटर के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पिछले बजट में 60 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. 20 करोड़ रुपये कार्यदाई संस्था को पहले ही दिया जा चुका है, जबकि 40 करोड़ रुपये के लिए केजीएमयू के कुलाधिपति का एक पत्र मिला था. उसमें कार्यदाई संस्था को यह कहा गया है कि अगर वह 20 करोड़ रुपये नहीं खर्च करेंगे तो उन्हें 40 रुपये करोड़ की अतिरिक्त धनराशि नहीं आवंटित की जाएगी. इस तरह से काम में देरी हो रही है.
-डॉ. घनश्याम सिंह, सीएमओ

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