बलरामपुर में तेंदुए ने बच्चे को बनाया निवाला. बलरामपुर :जिले के सोहेलवा वन क्षेत्र में तेंदुए ने फिर से आठ साल के बच्चे को अपना निवाला बनाया. तेंदुआ बेलवा गांव से बच्चे को उठा ले गया. बच्चे का क्षत विक्षत शव झाड़ियों में मिला. घटना के बाद से परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है. आदमखोर तेंदुआ 12 दिन में 3 मासूमों की जान ले चुका है. जिलाधिकारी ने तेंदुए को जल्द से जल्द पकड़ने के निर्देश दिए हैं. वन विभाग तमाम कोशिशों के बावजूद उसे पकड़ नहीं पा रहा है. इससे ग्रामीणों में आक्रोश है. तेंदुए को पकड़ने के लिए चार टीमें लगाई गईं हैं.
दरवाजे के सामने अलाव ताप रहा था बच्चा :प्रभागीय वनाधिकारी डॉ. सैम मारन एम ने बताया कि तुलसीपुर तहसील के बेलवा गांव में गुरुवार की देर शाम जगदम्बा प्रसाद का 8 वर्षीय बेटा विकास घर के बाहर दरवाजे पर बैठा अलाव ताप रहा था. इस दौरान झाड़ियों में छिपा बैठा तेंदुआ उसे जबड़े में दबाकर उठा ले गया. बच्चे की चीख सुनकर ग्रामीणों ने उसका पीछा किया लेकिन तब तक तेंदुआ झाड़ियों में गायब हो चुका था. ग्रामीणों की तलाश करने के करीब एक घंटे बाद मासूम का क्षत विक्षत शव पहाड़ी नाले के पास झाड़ियों में मिला. विकास की गर्दन पर गहरे जख्म थे. घटना की जानकारी मिलने पर प्रभागीय वनाधिकारी डीएफओ डॉ. सैम मारन एम, उप जिलाधिकारी राजेंद्र बहादुर पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गए.
तेंदुए को पकड़ने के लिए लगाया गया पिंजरा. तेंदुए की तलाश में लगीं चार टीमें :शुक्रवार को प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि तेंदुए की तलाश के लिए वन विभाग की 4 टीमें में लगाई गईं हैं. वन विभाग की तरफ से तेंदुए की ट्रैकिंग के लिए दस कैमरे, चार पिंजरे भी लगाए गए हैं. तेंदुए को पकड़ने के लिए बाराबंकी और सिद्धार्थनगर जिलों के डीएफओ को भी मदद के लिए बुलाया गया है. जल्द ही तेंदुए को पकड़ लिया जाएगा. जिलाधिकारी अरविंद कुमार सिंह ने शुक्रवार को बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग को निर्देश दिए गए हैं. बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है. रिपोर्ट मिलते ही मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाएगी. पुलिस और एसडीएम को भी गांव में रुककर निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं.
दो और बच्चों को भी उठा ले गया था तेंदुआ :पिछले 12 दिन में तेंदुआ अब तक तीन बच्चों को निवाला बना चुका है. विकास से पहले तेंदुआ लाल नगर सिपहिया गांव से तीन वर्षीय बच्ची नंदनी को उठा ले गया था. उसका शव पांच दिन बाद गन्ने के खेत में मिला था. चार दिन पूर्व इसी गांव से तेंदुआ पांच साल के रोहित को भी उठा ले गया था, उसका भी शव खराब हालत में मिला था. लगातार हो रहे तेंदुए के हमले के बाद गांव के लोग दहशत में हैं. वे अकेले खेतों की ओर भी जाने में कतराने लगे हैं. रातभर जागकर पालतू जानवरों की भी रखवाली कर रहे हैं.
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