बलरामपुर: पूरे देश में फैली कोरोना वायरस महामारी के कारण लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गांव को वापस आए. सरकार द्वारा इन्हें राशन किट वितरण करने का काम शुरू किया गया, लेकिन अब इस राशन किट के वितरण में भी घोटाले की बात सामने आ रही है.
बलरामपुर जिले में राशन किट को लेकर घोटाले की बात सामने आ रही है, जिसमें चीजों की घटतौली के साथ ही मानक के अनुरूप सामग्री न देने की बात सामने आ रही है. वहीं जांच के बाद अब डीएम कृष्णा करुणेश दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.
मजदरों को दी जाने वाली राशन किट में धांधली. कोरोना महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन के कारण तकरीबन 70 हजार से ज्यादा प्रवासी श्रमिक जिले में अपने घरों को आए. इन्हें प्राथमिक विद्यालयों व अन्य स्थानों पर क्वॉरेंटाइन किया गया. शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर से क्वॉरेंटाइन की अवधि को पूरा कर लेने वाले प्रवासी श्रमिकों को 10-10 किलो आटा चावल, 2 किलो दाल, 2 किलो भुना चना, 1 लीटर रिफाइंड ऑयल, 5 किलो आलू व मसाले के पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
श्रमिकों को उपलब्ध करवाई जाने वाली इन सामग्रियों की क्वालिटी चेक के लिए प्रत्येक केंद्र पर नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है. गुरुवार को जब बलरामपुर स्थित जीसस मैरी स्कूल में बने केंद्र पर उपजिलाधिकारी डॉ. नागेंद्रनाथ यादव राशन ने किटों की जांच की, तो उसमें बड़ी मात्रा में धांधली पाई गई. कुछ किटों में तो आलू पूरी तरह सड़ा हुआ पाया गया.
इस मामले में जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने कहा कि केंद्रों पर पहुंचे किटों में आलू की खराबी की शिकायत आ रही है, जिसे तत्काल बदलवाया जा रहा है. जिन चीजों की कमी पाई जा रही है, उन्हें भी ठीक किया जा रहा है.