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बलरामपुर: संविदाकर्मी कर रहे कस्तूरबा विद्यालय के कर्मचारियों के अभिलेखों की जांच - बलरामपुर समाचार

यूपी के बलरामपुर में शासन के आदेशों का मजाक खुलेआम उड़ाया जा रहा है. यहां 4 दिन में भी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में तैनात 157 कर्मचारियों के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन नहीं हो पाया है. इतना ही नहीं सत्यापन के लिए नामित खंड शिक्षा अधिकारी पचपेड़वा कुलदीप नरायण सिंह एक भी दिन जांच के लिए केंद्र पर नहीं पहुंचे.

जांच में हो रहा फर्जीवाड़ा
जांच में हो रहा फर्जीवाड़ा

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Published : Jun 18, 2020, 8:42 PM IST

बलरामपुर:अनामिका शुक्ला के दस्तावेजों के आधार पर हुए फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद प्रदेश सरकार ने सभी जिलों में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में तैनात सारे स्टॉफ के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन करने के आदेश दिए थे. शासन के आदेश पर यूपी के सभी जिलों में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के सभी कर्मचारियों का अभिलेखीय सत्यापन कराया जा रहा है, लेकिन बलरामपुर जिले में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शासन के आदेश को मजाक बनाकर रख दिया है. यहां खंड शिक्षा अधिकारी एक भी दिन जांच करने के लिए नहीं पहुंचे हैं.

संविदाकर्मी कर रहे जांच.

जांच के लिए एक दिन भी नहीं पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी

दरअसल, सत्यापन के लिए नामित खंड शिक्षा अधिकारी पचपेड़वा कुलदीप नरायण सिंह के नेतृत्व में 3 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. बेसिक शिक्षा अधिकारी रामचंद्र से मिलीभगत के चलते खंड शिक्षा अधिकारी पचपेड़वा कुलदीप नरायण सिंह एक भी दिन अभिलेखों की जांच करने नहीं पहुंचे.

चार दिन में नहीं हो सका 157 कर्मचारियों के अभिलेखों का सत्यापन

केंद्र पर महज 2 संविदाकर्मियों ने 4 दिन तक सभी कस्तूरबा आवासीय विद्यालय के कर्मचारियों का सत्यापन किया. जिले में अभी तक कुल 157 कर्मचारियों में से सिर्फ 138 कर्मचारियों का सत्यापन ही किया गया है. ऐसे में जब फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुए फर्जीवाड़े के खुलासे के लिए हो रही जांच को संविदाकर्मी अंजाम देंगे तो विभाग में छुपी हकीकत कितनी सामने आएगी और जांच में कितनी सत्यता सामने आ सकेगी यह चिंतनीय है.

इस संबंध में जब बीएसए रामचंद्र से सत्यापन के दौरान खंड शिक्षा अधिकारी पचपेड़वा के अनुपस्थित रहने की बात पूछी गई तो उन्होंने शासन के आदेशों का मजाक उड़ाते हुए कहा कि बीईओ को कीड़ा काटने के कारण वह नहीं आ सके थे. उनकी जिम्मेदारी मेरी है और उनसे बेहतर हमारे संविदाकर्मी अभिलेखों का सत्यापन कर रहे हैं.

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