बलरामपुर:योगी सरकार भले ही बालिका एवं महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन के लिए लगातार कोशिश कर रही हो, लेकिन बलरामपुर जिले की गौरा चौराहा थाना पुलिस, मुख्यमंत्री की मंशा पर बट्टा लगा रही है. दरअसल, मामला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले एक गांव का है. जहां नाबालिग के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया. घटना के महीनों बीत जाने के बाद भी पीड़िता की शिकायत दर्ज नहीं की गई. जिसके बाद पीड़िता और उसका परिवार न्याय की गुहार लगाते न्यायालय पहुंचते हैं. जहां न्यायालय के आदेश पर गौरा चौराहा थाने में पीड़िता की एफआईआर दर्ज की गई. वहीं, पुलिस अधीक्षक हेमंत कुटियाल ने इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में एसएचओ गौरा समेत 3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है और विभागीय जांच बिठा दी है.
पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि उनकी 13 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ पड़ोस मे रहने वाला युवक 5 महीने पहले खेत में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया. जब नाबालिग गर्भवती हो गई तो उसने परिजनों को घटना के बारे में जानकारी दी. जिसके बाद परिजन गौरा गौराहा थाना पहुंचे. जहां परिजनों ने शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन वहां कोई सुनवाई नहीं हुई.
न्यायालय के आदेश पर एफआईआर दर्ज
पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि उन्होंने मामले का शिकायती पत्र पुलिस अधीक्षक समेत अन्य आला अधिकारियों को रजिस्ट्री के जरिए भेजा. फिर भी कोई असर नहीं हुआ. इस पर उन्होंने न्यायालय की शरण ली. 14 जून को सिविल जज जूनियर डिविजन के यहां प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया. सिविल जज ने 156/3 के तहत गौरा चौराहा थाना को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. जिसके बाद अभियोग पंजीकृत हुआ.