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बलरामपुर: क्वारंटीन सेंटरों की अव्यस्था का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान - कोरोना वायरस खबर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्वारंटीन सेंटरों से जुड़ी समस्याओं को लेकर एक रिट याचिका का स्वतः संज्ञान लिया है. इसके लिए जिलों में कार्यरत अधिकरियों के द्वारा क्वारंटाइन सेंटरों की जांच करके रिपोर्ट देने को कहा गया है. जिसके बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव आशीष पांडे ने बलरामपुर के तीन क्वारंटाइन सेंटरों का निरीक्षण किया.

क्वारंटाइन सेंटरों की अव्यस्था का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान
क्वारंटाइन सेंटरों की अव्यस्था का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान

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Published : May 13, 2020, 4:01 AM IST

बलरामपुर: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्वारंटीन सेंटरों में क्वारंटाइन किए जा रहे लोगों से जुड़ी समस्याओं, उनके रहन-सहन और खान-पान की व्यवस्थाओं को लेकर एक रिट याचिका का स्वतः संज्ञान लिया है. इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के अंतर्गत जिलों में कार्यरत अधिकरियों के द्वारा क्वारंटीन सेंटरों का जांच करके रिपोर्ट देने को कहा गया है. जिसके बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव आशीष पांडे ने जनपद बलरामपुर के तीन क्वारंटीन सेंटर का निरीक्षण किया. यहां विधिक सेवा प्राधिकरण व प्रशासन के अधिकारियों ने क्वारंटीन सेंटरों से जुड़ी तमाम व्यवस्थाओं को जांचा परखा.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने तीन क्वारंटीन सेंटरों का किया निरीक्षण

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव आशीष कुमार पांडे ने बताया कि उन्होंने श्री लालता प्रसाद बुद्ध महाविद्यालय श्रीदत्तगंज, बढ़याफरीद खान, प्राइमरी स्कूल रेहरा बाजार और एचआरए इंटर कॉलेज उतरौला में बने क्वारंटीन सेंटर का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि इन केंद्रों पर क्वारंटाइन किए गए लोगों को स्कूलों के अलग-अलग कमरों में रखा गया है. प्रत्येक व्यक्ति को एक-एक किट प्रदान की गई है. जिसमें दैनिक उपयोग का हर सामान है. उन्होंने बताया कि क्वारंटीन सेंटरों पर नहाने तथा पीने के लिए जल की व्यवस्था भी है. स्कूलों में स्वच्छ टॉयलेट की व्यवस्था की गई है और सफाईकर्मी अच्छी तरह से साफ-सफाई कर रहे हैं.

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वहीं, उतरौला के तहसील के उपजिलाधिकारी अरुण कुमार गौड़ ने बताया कि, लोगों को थर्मल चेकिंग के बाद ही क्वारंटीन सेंटर में क्वारंटाइन किया जा रहा है. साथ ही संबंधित स्वास्थ्य केंद्र में नियुक्त चिकित्सक उनका सैंपल लेकर जांच के लिए भेज रहे हैं. इसके साथ ही किसी व्यक्ति को परेशानी होने पर तत्काल इलाज के लिए चिकित्सक मौके पर बुलाए जा रहे हैं.

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