बलरामपुर: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चलाई जा रही जननी सुरक्षा योजना के तहत जिलें में बीतें 9 माह में 24 हजार गर्भवती महिलाओं को योजाना का लाभ दिया जा चुका है. बुधवार को जननी सुरक्षा योजना के नोडल अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. बी.पी. सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि योजना में आर्थिक लाभ दो श्रेणी में दिया जाता है.
उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पताल में प्रसव होने पर ग्रामीण महिला को 1400 रुपये और शहरी महिला को एक हजार रुपये जननी सुरक्षा योजना के तहत दिया जाता है. इसके अलावा पहली बार गर्भवती महिलाओं को प्रधानमंत्री मात्र वंदना के तहत पांच हजार रुपये की धनराशि लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है.
उन्होंने बताया कि योजना में पंजीकृत महिलाओं को प्रसव के पांच साल तक जच्चा-बच्चा के टीकाकरण के संबंध में मोबाइल पर मैसेज भेजकर सूचित किया जाता है. बच्चे के 5 वर्ष उम्र तक सरकारी अस्पताल में सभी तरह के टीके भी निःशुल्क लगाए जाते हैं.
मातृ स्वास्थ्य के जिला परामर्शदाता विनोद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1 अप्रैल से लेकर 20 दिसम्बर 2020 तक कुल 28073 गर्भवती महिलाओं ने नवजात को जन्म दिया है, जिसमें से 23789 प्रसूताओं को जननी सुरक्षा योजना का लाभ दिया जा चुका है. योजना के तहत चिन्हित 4284 प्रसूताएं ऐसी हैं, जिनका या तो आधार कार्ड नहीं बना या तो उनका खाता किसी बैंक में नहीं है, जिससे उन्हे योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. उन्होने बताया कि शीघ्र ही आशा और एएनएम के माध्यम से उनका खाता खुलवाकर योजना का लाभ दिया जाएगा.
कैसे मिलता है जननी सुरक्षा योजना का लाभ
जननी सुरक्षा योजना का लाभ प्राप्त करना बहुत ही आसान है. इसके लिए गर्भवती होते ही आशा, एएनएम या नजदीकी किसी भी सरकारी अस्पताल में पंजीकरण कराना होता है. योजना में रजिस्ट्रेशन होने के बाद लाभार्थी को एक कार्ड मिलता है, जिसे जननी शिशु सुरक्षा कार्ड कहा जाता है. सरकारी अस्पताल में रजिस्ट्रेशन कराने में स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता यानी आशा गर्भवती महिला की मदद करती है.
इन दस्तावेजों से होता है योजना में रजिस्ट्रेशन
जननी सुरक्षा योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी का आधार कार्ड या वोटर कार्ड, अस्पताल द्वारा जारी डिलीवरी सर्टिफिकेट व महिला के बैंक अकाउंट नंबर की जरूरत होती है. जिसके बाद महिला के खाते में सीधे योजना की धनराशि भेजी जाती है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा आशा को लाभार्थी का सरकारी अस्पताल में 4 प्रसव पूर्व जांच कराने के लिए 300 रूपये और संस्थागत प्रसव हेतु प्रेरित करने के लिए 300 रुपये यानि कुल 600 रुपये दिए जाते हैं.