बलिया: यूपी में कस्तूरबा स्कूलों में एक ही नाम पर कई जगह नौकरी करने वाली अनामिका शुक्ला फर्जी शिक्षिका का मामला चर्चा में है. बलिया में भी एक फर्जी शिक्षिका का मामला कई महीनों पहले आ चुका है. एक महिला ने प्राइमरी स्कूल में फर्जी शिक्षिका बन सालों से लाखों रुपये का भुगतान प्राप्त किया था. मामला विभाग के संज्ञान में आने के बाद नोटिस जारी हुआ और मुकदमा भी दर्ज किया गया था, लेकिन शिक्षिका फरार हो गई थी. उसने सभी अभिलेख आजमगढ़ की एक अध्यापिका के दिए थे.
बलिया के बांसडीह तहसील क्षेत्र के पांडे का पोखरा परिषदीय स्कूल में 2009 से सहायक अध्यापिका के रूप में पूनम यादव की नियुक्ति हुई थी. 2016 में वह प्रमोशन पाकर उसी स्कूल में प्रधान अध्यापिका बन गई. शिक्षकों के ऑनलाइन भुगतान और डाटा फीडिंग के दौरान वित्त एवं लेखा अधिकारी ने पूनम यादव के पैन कार्ड को आजमगढ़ के एक शिक्षिका के अभिलेख से मैच होता पाया था. दोनों का पैन नंबर एक था, जिसके बाद जांच पड़ताल की गई तो बलिया की यह शिक्षिका फर्जी पाई गई थी.
बलिया में नौकरी के दौरान फर्जी पूनम यादव ने अपना पता पकड़ी थाना क्षेत्र के पकड़ी गांव दर्ज कराया था, जो कि फर्जी था. तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूनम यादव को नोटिस जारी किया था, लेकिन कई महीनों तक कोई जवाब नहीं मिलने के बाद शिक्षा विभाग ने बांसडीह कोतवाली में पूनम यादव के खिलाफ कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया था.