बलिया: वर्ष 2002 से 2005 के बीच बलिया में आतंक का पर्याय बने कौशल चौबे को 17 साल बाद 31 मई 2019 को उत्तराखंड में एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था. जिले में हुए चर्चित डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर और चार लोगों के हत्याकांड में इसका और इसके गैंग का नाम सामने आया था. इसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने कौशल चौबे पर 2,00,000 रुपये का इनाम घोषित किया, जिसके बाद यूपी एसटीएफ सहित कई टीमों को लगाकर कौशल चौबे की गिरफ्तारी के प्रयास किए गए, जिसके बाद 31 मई 2019 को इसे गिरफ्तार कर लिया गया.
शुक्रवार को बलिया के फास्ट ट्रैक कोर्ट तृतीय में उत्तराखंड पुलिस ने दो लाख के इनामी कौशल चौबे को पेश किया. न्यायालय ने कौशल चौबे के खिलाफ वारंट जारी कर दिया और पांच दिन बाद अगली पेशी की तारीख दी है.
जानें कौशल चौबे का आपराधिक इतिहास
- बलिया में ठेकेदारी को लेकर 2002 में सेतु निगम के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर सुशील चंद्र राय की रेलवे स्टेशन परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
- इस मामले में जीआरपी की जवाबी फायरिंग में एक कॉन्स्टेबल रामाशंकर सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी.
- वहीं दो कांस्टेबल गोली लगने से घायल हुए थे.
- इस मामले में तत्कालीन जीआरपी थानाध्यक्ष ने कौशल चौबे और अन्य तीन लोगों पर हत्या और जान से मारने का प्रयास सहित संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था.
- वर्ष 2004 में बलिया के पीडब्ल्यूडी ऑफिस में टेंडर प्रक्रिया के दौरान मारपीट और फायरिंग में 4 लोगों की मौत हुई थी.
- इसमें भी कौशल चौबे गैंग का नाम सामने आया था.
- इस घटना के बाद कौशल चौबे और उसके गैंग के सदस्य फरार हो गए थे.
- दिनदहाड़े हुए इस हत्याकांड के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने कौशल चौबे पर 2,00,000 का इनाम घोषित किया.
- यूपी एसटीएफ सहित कई टीमों को लगाकर कौशल चौबे की गिरफ्तारी के प्रयास किए गए.
- 31 मई 2019 को उत्तराखंड एसटीएफ ने कौशल चौबे को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की.