बलिया: पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार से पूरे विश्व में पहचान बनाने वाली भोजपुरी भाषा और भोजपुरी गीतों का वर्तमान समय में स्तर गिरने से भोजपुरी साहित्य और समाज काफी चिंतित है. इसको लेकर बलिया के बसंतपुर गांव में धुरान स्मृति महोत्सव का आयोजन किया गया है. यहां भोजपुरी के जाने माने गीतकार और साहित्यकारों ने गिरती भोजपुरी भाषा को ऊपर उठाने के लिए अपने-अपने विचार रखें.
बलिया : भोजपुरी के स्तर को उठाने का साहित्यकारों ने उठाया बीड़ा - भोजपुरी गीत,
बलिया में लोक गायक वीरेंद्र सिंह धुरान की द्वितीय पुण्यतिथि पर साहित्यकारों ने वीरेंद्र सिंह के भोजपुरी के उत्थान में किए गए कार्यों का उल्लेख किया. साथ ही वर्तमान समय में भोजपुरी के स्तर को ऊपर उठाने पर चर्चा की.
बलिया के बसंतपुर गांव में भोजपुरी संस्कृति के संवाहक और नारदी शैली के पितामह कहे जाने वाले लोक गायक वीरेंद्र सिंह धुरान की द्वितीय पुण्यतिथि पर धुरान स्मृति महोत्सव का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में संस्था की ओर से भोजपुरी गायक गोपाल राय और प्रियंका पायल का सम्मान भी किया गया. इस अवसर पर प्रसिद्ध भोजपुरी गायक भरत शर्मा भी उपस्थित रहे.
प्रसिद्ध गायक गोपाल राय ने कहा कि यह कार्यक्रम भोजपुरी संस्कृति के संवाहक स्वर्गीय वीरेंद्र सिंह धुरान की पुण्यतिथि पर रखा गया है. यहां यूपी और बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों से भोजपुरी भाषा से ताल्लुक रखने वाले तमाम साहित्यकार और गायक आए हैं. इस दौरान सभी ने मिलकर भोजपुरी गीत में आ रहे गिरावट को पूर्व स्तर पर लाने के लिए एक मंच पर आकर प्रयास करने की बात कही.