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जिसका परिवार नहीं वह क्या जाने पीड़ा, मोदी-योगी पर राम गोविंद चौधरी का निशाना - विवादित बयान

उत्तर प्रदेश में बन रहे जनसंख्या नियंत्रण कानून के मसौदे पर सपा नेता राम गोविंद चौधरी ने पीएम मोदी और सीएम योगी पर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मोदी-योगी परिवारविहीन हैं, वे परिवार की पीड़ा क्या जानें, उनके हाथ में सत्ता है जो चाहें कानून लाएं.

राम गोविंद चौधरी
राम गोविंद चौधरी

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Published : Jun 22, 2021, 1:25 PM IST

Updated : Jun 22, 2021, 5:27 PM IST

बलियाःउत्तर प्रदेश सरकार अब भुखमरी और बेरोजगारी से निपटने के लिए प्रदेशवासियों पर जनसंख्या नियंत्रण के कानून का फार्मूला लागू करने की तैयारी में है. माना जा रहा है कि राज्य में 2 से अधिक बच्चों वाले अभिभावकों पर कानून लागू हो सकता है. राज्य विधि आयोग की ओर से कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया गया है. कई अहम विषयों पर चिंतन करने के बाद जल्द ही आयोग अपने प्रतिवेदन तैयार कर राज्य सरकार के आगे प्रस्तुत करेगा. चुनावी साल में योगी सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम पर राजनीति भी शुरू हो गई है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की है. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी पर विवादित बयान भी दे डाला.

राम गोविंद चौधरी ने कहा कि पीएम और सीएम परिवारविहीन हैं. इसलिए जो चाहे वो कानून लाएं. जनता से उन्हें प्रेम नहीं. उन्होंने कहा कि जिनके पास परिवार नहीं उन्हें परिवार का दर्द नहीं पता. उनके पास पत्नी होती, बच्चे होते तो उनको परिवार का दर्द पता चलता. उन्होंने योगी सरकार को इंदिरा गांधी की सरकार में ले आए गए ऐसे कानून के हश्र को याद दिलाया और कहा कि अपनी सरकार के दौरान 20 सूत्रीय कार्यक्रम इंदिरा गांधी लेकर आई थी. 1977 के लोकसभा चुनाव में जनता ने कांग्रेस का सफाया कर दिया था. जबरन नसबंदी के नाम पर कागजों में फर्जी तौर पर पेड़-पौधे, पशु-पक्षी सबकी नसबंदी की गई थी.

मीडिया से बात करते नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी

पढ़ें-जनसंख्या नियंत्रण कानून जल्द लागू करे केंद्र सरकार : महंत नरेंद्र गिरि

नेता प्रतिपक्ष (विधानसभा) ने कहा कि यह काम मोबलाइजेशन से किया जा सकता है. कानून से दंडात्मक कर्रवाई होती है. जनसंख्या न बढ़े यह सच है, जनसंख्या प्राकृतिक देन है. पीएम और सीएम परिवारविहीन हैं. इसलिए जो चाहे वो कानून लाएं. जनता से उन्हें प्रेम नहीं. उन्होंने कहा कि जिनके परिवार नहीं उन्हें परिवार का दर्द नहीं पता.

बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर तैयार हो रहे प्रतिवेदन में बेरोजगारी व भुखमरी समेत कई अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर विभिन्न बिंदुओं पर विचार कर रहा है. इसके लिए आयोग ने देश के अन्य राज्यों में लागू कानूनों व अन्य सामाजिक परिस्थितियों को लेकर अध्ययन करना शुरू कर दिया है. राज्य में कानून लागू होने के बाद अभिभाववकों को कुछ सरकारी सुविधाओं और सब्सिडी से हाथ भी धोना पड़ सकता है. राज्य विधि आयोग कई बिंदुओं पर विचार करने के साथ जल्द ही अपना प्रतिवेदन राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेगा.

Last Updated : Jun 22, 2021, 5:27 PM IST

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