बलिया: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को आयुष मंत्रालय के अधीन कर एक साथ बेहतर चिकित्सा देने के लिए प्रयास किया है. यूपी सरकार भी इसी मंशा के अनुरूप कार्य कर रही है, लेकिन प्रदेश में एलोपैथिक डॉक्टर्स के साथ-साथ आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में डॉक्टर्स की भारी कमी देखी जा रही है. बलिया जनपद में कुल 64 आयुर्वेदिक चिकित्सालय हैं. इसके अलावा तीन अन्य निर्माणाधीन भी हैं. आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में चिकित्सकों की बेहद कमी है.
64 चिकित्सालय के पद के सापेक्ष 14 डॉक्टर ही जिले में तैनात हैं, जो पूरे बलिया जिले के मरीजों का इलाज कर रहे हैं. बलिया जिला मुख्यालय में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की स्थिति और भी दयनीय है. इस अस्पताल के भवन की हालत जर्जर हो चुकी है. बावजूद इसके इस भवन में ही अस्पताल संचालित होता है. बलिया के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में सालों से ओपीडी के नाम पर सिर्फ चंद घंटों के लिए ही अस्पताल खुलता है. यहां के बेड बिना गद्दे और चादर के अस्पताल की बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं.