बलिया :आज के दौर में नॉन-वेज खाना फैशन बन चुका है.वहीं बलिया में एक ऐसा कस्बा भी है,जहां मांस-मछली अंडों को खाना लोग पाप समझते हैं. बलिया जिले का चितबड़ागांव कस्बा यूपी ही नहीं, बल्कि देश की ऐसी जगह है, जहां मांस-मछली और अंडे नहीं बिकते हैं, लेकिन 300 साल पहले हालात बिल्कुल विपरीत थे. यहां के लोग मांस-मछली बहुत ज्यादा खाते थे.
बलिया: मांस-मछली न खाने वाला अनोखा कस्बा - बलिया न्यूज
बलिया में एक ऐसा कस्बा भी है, जहां मांस-मछली अंडों को खाना लोग पाप समझते हैं. बलिया जिले का चितबड़ागांव कस्बा यूपी ही नहीं, बल्कि देश की ऐसी जगह है, जहां मांस-मछली और अंडे बिकते ही नहीं हैं.
मांस-मछली न खाने वाला अनोखा कस्बा
दरअसल, 17वीं शताब्दी में यहां संतों की शाखा बावरी पंथ की स्थापना हुई. संतों ने यहां लोगों को सच्चाई के रास्ते पर चलने की राह दिखाई और तब से ही लोग यहां मांस-मछली और अंडे को हाथ तक नहीं लगाते हैं.
बलिया के इस कस्बे के लोग उन संतों की कही बात को आज भी भगवान का आदेश मानते हैं. अब इन बातों को अंधविश्वास कहें या श्रद्धा, लेकिन इनका ये विश्वास कई लोगों के लिए मिसाल हो सकता है.
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:24 PM IST