बलिया:सूबे के मुखिया ने बेटियों को बोझ समझने वाले लोगों की सोच बदलने के लिए कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत की तो वहीं बलिया के प्राचीन भृगु मंदिर में किसी बेगैरत मां-बाप ने एक बार फिर बेटियों को बोझ समझकर नवजात को वहां छोड़ दिया, जिसके बाद पुलिस ने नवजात बच्ची को 14 साल से माता-पिता बनने की आस लिए बैठे दंपति को सौंप दिया.
धनतेरस के दिन जब बलिया के बाजारों में लोग खरीदारी कर रहे थे. तभी रात के समय में प्राचीन भृगु मंदिर परिसर में मासूम नवजात बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी. नवजात की आवाज सुनकर मंदिर के पुजारी और आसपास के लोग इकट्ठा हुए और पुलिस को मामले की जानकारी दी. नवजात बच्ची के मिलने की खबर पर पुलिस मौके पर पहुंची और मासूम बच्ची को अपने साथ लेकर चिकित्सा के लिए अस्पताल ले आई.
अस्पताल में चिकित्सकों ने नवजात का इलाज किया और उसे दूध देने की सलाह दी. नवजात बच्ची को लेने के लिए शीला और सुभाष अस्पताल पहुंच गए. इन दोनों की शादी हुए 14 साल बीत गए थे, लेकिन इनकी कोई संतान नहीं है. इसको देखते हुए जापलिनगंज चौकी के सिपाही ने शीला और सुभाष को नवजात बच्ची को सौंप दिया.